22.7.04

कभी ख़ुशी कभी ग़म, लगान, हिन्दी में छँटनी ...

आदि कई विषयों पर दस्तावेज़। अंर्स्ट ट्रेमेल द्वारा। इन्होंने ही शिदेव मुद्रलिपि बनाई है, जिसकी कड़ी इस पन्ने पर उपलब्ध है। प्रेमचन्द की सद्गति भी यहाँ उपलब्ध है। फ़िलहाल वे अपने दस्तावजों पर टिप्पणियाँ आमन्त्रित कर रहे हैं, उनसे सम्पर्क करें

8.7.04

रवि रतलामी का हिन्दी ब्ल़ॉग

तो अब रतलाम जाल के नक्शे पर आ गया है। पहले भी था, पर अब लगातार रतलामी विचार मिल रहे हैं। बढ़िया है। क्यों न रतलाम के बारे में और जानकारी मिले, जैसे कि यहाँ जबलपुर के बारे में है

2.7.04

गूगल खोज: लिनक्स

915 परिणाम। याद है मुझे, डेढ़ साल पहले, कुछ 3 परिणाम थे। बढ़िया है।