16.7.05

पॅबल हिन्दी में

पता चला कि पॅबल हिन्दी में भी है, और इसका अनुवाद देबाशीष ने किया है। किसी के पास छवियाँ हैं क्या?

2 टिप्‍पणियां:

  1. मुझे नहीं लगता कि कोई महंगी जावा होस्टिंग की और रुख करता होगा! खास तौर पर हिंदी के लिये कौन खर्चेगा!

    जवाब देंहटाएं
  2. महंगी जावा होस्टिंग

    सिर्फ़ छवियाँ छापने के लिए तो होस्टिङ्ग नहीं चाहिए।

    महँगी == कितनी महँगी? क्या इस महँगाई के साथ कुछ अतिरिक्त सुविधाएँ भी मिलती हैं? (अ-प्रोग्रामर को)

    जवाब देंहटाएं

सभी टिप्पणियाँ ९-२-११ की टिप्पणी नीति के अधीन होंगी। टिप्पणियों को अन्यत्र पुनः प्रकाशित करने के पहले मूल लेखकों की अनुमति लेनी आवश्यक है।