29.11.07

भारत टेक्स्टाइल

मेरे एक करीबी (करीबी या क़रीबी?) रिश्तेदार कपड़ा उद्योग में काम करते हैं, और आजकल वहाँ - कम से कम निर्यातकों में - मायूसी छाई हुई है, जो माल बेचने का वादा डॉलर के ४६ के भाव पर तय किया गया था, वही अब ३९ में बेचना पड़ रहा है। ऐसी और कपड़ा उद्योग से जुड़ी अन्य कई खबरें भारत टेक्स्टाइल वाले दे रहे हैं। लेकिन खरीद फ़रोख्त की सुविधा में हिन्दी नौ दो ग्यारह है।

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