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२००८ के शुरू में देश में कुल २६ लाख ७० हज़ार ब्रॉडबैंड प्रयोक्ता

बिज़नेस स्टैंडर्ड बता रहा है कि भारत में २००८ के शुरू में कुल २६ लाख ७० हजा़र लोगों के पास ब्रॉडबैंड है। यानी हज़ार लोगों में से ३ के पास। कितना सौभाग्यशाली हूँ मैं। सरकार का लक्ष्य था २००८ के अन्त तक ९० लाख लोगों तक ब्रॉडबैंड पहुँचाना, यानी १००० में से ९ के पास। बहुत महत्वाकाङ्क्षी तो नहीं था लेकिन लक्ष्य का तिहाई से कम हासिल हुआ। साथ ही टीआरएआई ने यह भी कहा है कि ब्रॉडबैंड का मतलब है कम से कम २५६ केबीपीएस [पीडीएफ़, अंग्रेज़ी] की गति। यानी प्रति कनेक्शन करीब ३२ केबीपीएस की गारंटी। देखते हैं २००८ में क्या होता है।

2 टिप्‍पणियां:

  1. लक्ष्य तिहाई से कम हासिल हुआ, यह सुन कर निराशा हुई। हिन्दी ब्लॉगर्स की वृद्धि की कल्पना कुछ प्र्यून डाउन करनी होगी।

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  2. अपने पास तो एक नहीं दो-दो ब्रॉडबैंड हैं, यानि अपन दोगुने भाग्‍यशाली हुए. पर असलियत तो आप भी जानते होंगे. स्‍पीड का रोना आए दिन
    बना रहता है. और डाउनलोडिंग की स्‍पीड 30 kbps मिलती है. अभी दिल्‍ली बहुत दूर है आलोक भाई. और ये आपने चीनी जापानी या ऐसी ही कोई और भाषा क्‍यों चुन रखी है. कभी कुछ कहना हो तो अंधे की तरह अंदाज भिड़ा कर लिंक ढ़ूंढना पड़ता है. वो तो भला हो गूगल का कि स्‍क्रीन टिप नाम की चिडि़या पाल रखी है.
    नए साल की बहुत बहुत शुभकामनाएं.

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