11.6.08

गूगल सुझाव, टेक्नोलॉजी, अश्लीलता, और प्रयोक्ता का अनुभव - सुधारना आपके हाथ में है

यह शीर्षक आपको कुछ दिन पहले विनीत खरे जी के लेख के शीर्षक जैसा लगेगा, और यह इसलिए क्योंकि यह लेख उसी पान की दुकान वाले लेख से संबंधित है। इस "समस्या" को देखने के लिए आपको

  1. हिन्दी वाला गूगल लागू करना होगा, पर
  2. खोज अंग्रेज़ी अक्षर s से करनी होगी - वैसे आप स से करें तो भी परिणाम वही होगा :
यानी वयस्कोन्मुख सामग्री को इंगित करने वाले शब्द सुझाए जा रहे हैं।

यही हाल कुछ और अक्षरों की खोज करने पर होता है।

क से ले कर,

फ से ले कर

ब तक।

मेरे द्वारा ली गई तस्वीरें करीब एक महीने पुरानी हैं इसलिए हो सकता है कि आपको इस वक़्त कुछ और परिणाम मिलें।

वास्तव में यह खोज मैंने दफ़्तर में की थी, s से कुछ खोज कर रहा था - स से नहीं - और परिणामों के सुझाव आने लगे, उत्सुकता हुई और तस्वीरें सँजो के रख लीं।

यह है तो समस्या ही, आखिरकार सुझाव तो ठीक है पर देश और काल के आधार पर नैतिकता बदलती है कि नहीं?

विनीत जी का लेख देखने के बाद, और उसपर लिखी टिप्पणियों से यही लगा कि हाँ वास्तव में इन शब्दों की खोज अधिक होती है इसलिए यह सुझाव में आए हैं। कुछ लोगों ने इसे सहज भाव से लिया और कुछ ने नहीं, जैसे कि स्वयं विनीत जी ने।

और सहज भाव से न लेना भी स्वाभाविक ही है, यह भाषा और संस्कृति से इतर है, आप किसी गंभीर विषय पर खोज कर रहे हों और सुझाव ऐसे आने लगें, जब कि आसपास लोग भी बैठे हों तो कैसा रहेगा?

अंग्रेज़ी वाले गूगल में तो सुझाव हमेशा नहीं आते पर हिन्दी वाले में तो हमेशा आते हैं!

बस एक बार अंग्रेज़ी वाले गूगल के जरिए आजमा के देखा - http://google.com/webhp?complete=1&hl=en से अंग्रेज़ी वाले गूगल में सुझाव आते हैं।

और यही पाया कि, अंग्रेज़ी में गूगल अश्लील सुझाव खा गया,

जी हाँ बिल्कुल खा गया,

दुबारा खा गया -

यहाँ भी वयस्कोन्मुख सुझाव नहीं दिखे,

न यहाँ,

बिल्कुल भी नहीं,

यहाँ थोड़े हैं।

वास्तव में हो क्या रहा है? मैंने एक बार विकल्प में जा के वयस्कोन्मुख सामग्री न हटाने का विकल्प भी चुनने की कोशिश की - वयस्कोन्मुख सामग्री हटाने का विकल्प लागू नहीं था।

यानी क्या? यानी यह, कि गूगल ने मामले की संजीदगी को समझते हुए वयस्कोन्मुख और संभवतः आपत्तिजनक सुझाव हटा दिए हैं - अंग्रेज़ी के लिए कम से कम।

पर फिर हिन्दी में क्यों नहीं? शायद इसलिए कि अभी गूगल हिन्दी सीख रहा है। वैसे, शायद कुछ सुझाव हिन्दी में भी हटाए गए हैं, क्योंकि मैं चकित हुआ था कि च के लिए वयस्कोन्मुख सुझाव नहीं थे - मतलब कि यह बाला अभी हिन्दी सीख रही है!

विनीत जी ने बात बहुत वाजिब उठाई है, और इस वक़्त हिन्दी के लिए जो सुझाव गूगल पर दिख रहे हैं वह वास्तव में अपरिमार्जित हैं और खोज की आवृत्ति के आधार पर हैं, स्वचालित। लेकिन शायद आपत्तिजनक सुझावों को हटाने की प्रक्रिया अभी उतनी सशक्त नहीं हुई है। लेकिन यह प्रक्रिया मौजूद तो है - यह ज़ाहिर होता है च वाले सुझावों से। इस बारे में गूगल को लिख रहा हूँ, शायद वे इसे और सशक्त करने पर गौर करें।

पर तीन बातें अवश्य सामने आती हैं -

  1. अभी भी बहुत कम लोग गूगल के स्थल के हिन्दी उद्धरण का इस्तेमाल करते हैं। तभी यह मुद्दा अभी तक उछला नहीं। इस्तेमाल करिए - इसके लिए आप वरीयता या प्रिफ़रेंसेज़ में जा सकते हैं। गूगल वाले नज़र रखते हैं कि कौन सी भाषा के पन्नों का इस्तेमाल अधिक हो रहा है। हिन्दी के इस्तेमाल की संख्या बढ़ाइए। हिन्दी के जालस्थलों को बेहतर बनाने की जिम्मेदारी आपकी है उनका इस्तेमाल करके, और उनपर प्रतिक्रिया दे के। इस काम में भारत सरकार या किसी देवी देवता का कोई जिम्मा नहीं है, यह उत्तरदायित्व आपका है।
  2. जिस व्यक्ति को हिन्दी टंकण आता है उसके लिए S अक्षर छापने पर देवनागरी के परिणाम दिखाना - मुझे तो नहीं जमता, अगर इसे वैकल्पिक बनाने की सुविधा हो तो अच्छा हो। वैसे सुझाव स से भी आते हैं। पर इस समय हिन्दी टंकण न जानने वालों की संख्या कम है अतः यह समस्या इस समय काफ़ी गौण है।
  3. गूगल वालों ने अपने मुख पृष्ठ पर वरीयताएँ को वरियताएँ लिखा है। इसे भी ठीक करवाने के लिए डाक लिख रहा हूँ!

अब हम होते हैं नौ दो ग्यारह!

1 टिप्पणी:

  1. मुझे भी लगता था कि गूगल होशियार छात्र है, पर अभी हिन्दी की कच्ची जमात का स्टूडेण्ट है। स्तिथि जल्दी बदलेगी।

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