24.12.08

सेब वाली गड़बड़ी नए वाले फ़ायर्फ़ाक्स में ठीक हुई

पिछले लेख में सेब पर फ़ायर्फ़ाक्स की जिस त्रुटि की बात कर रहा था उसका ब्यौरा फ़ायर्फ़ाक्स वालों को दिया, वहाँ से एक छींटाकसी यह आई कि यह समस्या फ़ायर्फ़ाक्स ३.०५ में तो है, पर फ़ायर्फ़ाक्स ३.१ के दूसरे बेटे में नहीं है। लिहाज़ा मैंने पड़ताल की और इस बात को सही पाया।

यह लेख सभी को यह इत्तला देने के लिए है कि अगर आपको फ़ायर्फ़ाक्स में गड़बड़ी दिख रही है, सेब पर, तो उसके बेटों पर एक बार नज़र डाल लें, कभी कभी बाप से गोरे होते हैं।

23.12.08

फ़ायर्फ़ाक्स में एक गड़बड़, पर सिर्फ़ सेब पर, मतदान करें

अगर आप यह पन्ना देखेंगे, तो शायद आपको ठीक दिख रहा हो, पर मुझे ऐसे दिख रहा है। बाईं तरफ़ सफ़ारी में और दाईं तरफ़ फ़ायर्फ़ाक्स में।

इसे ठीक करवाने के लिए फ़ायर्फ़ाक्स को ब्यौरा दे दिया है। आपसे अनुरोध है कि इस दिक्कत को जल्दी ठीक करवाने के लिए मतदान करें

मतदान करने के लिए

  1. https://bugzilla.mozilla.org/show_bug.cgi?id=470593 पर जाएँ
  2. वहाँ लिखे (vote) पर चटका लगाएँ
  3. अपना मत दर्ज करें
धन्यवाद!

आपको कोई और दिक्कत आई फ़ायर्फ़ाक्स पर?

22.12.08

सफ़ारी मुझे नेपाली समझे बैठे था, और क्यों

न न, नेपाली होने में कोई बुराई नहीं पर जब कोई दुनिया को बताना चाहे कि हमें हिंदी की सामग्री परोसी जाए, तो थोड़ी दिक्कत होती है। यकायक सोचा कि पता लगाएँ, नया हिंदी वाला फ़ायर्फ़ाक्स दुनिया को मेरी भाषा के बारे में क्या बताता है - पता लगाने एक सरल तरीका है इस पन्ने पर मौजूद जानकारी। इसने कहा,

Mozilla/5.0 (Macintosh; U; Intel Mac OS X 10.4; hi-IN; rv:1.9.0.5) Gecko/2008120121 Firefox/3.0.5 200

यानी फ़ायर्फ़ाक्स ३.०.५ चल रहा है, सेब १०.४ पर, और भाषा हिंदी है।

ठीक है। अब देखा कि सफ़ारी पर क्या दिखाता है, और अचरज हुआ।

Mozilla/5.0 (Macintosh; U; Intel Mac OS X 10_4_11; ne-np) AppleWebKit/525.18 (KHTML, like Gecko) Version/3.1.2 Safari/525.22 200

बता रहा है कि सफ़ारी ३.१.२ चल रहा है, सेब १०.४.११ पर, और भाषा है नेपाली! आँय, यह कैसे हुआ, तो अपन गए अपने सेब की सिस्टम प्रिफ़रेंसेज़ में, इंटर्नेशनल के अंदर, और पाया यह।

सेब भाषा

ये भाषाएँ जोड़ी तो मैंने ही थीं, पर अकारादिक्रम में, और यह नहीं पता था कि एक के बाद एक आकलन कर के भाषा भेजी जाती है, इसी क्रम में। चुनाँचे इसे बदल के कर दिया ऐसे -

सेब भाषा क्रम

अब सफ़ारी मियाँ क्या कहते हैं?

Mozilla/5.0 (Macintosh; U; Intel Mac OS X 10_4_11; hi-in) AppleWebKit/525.18 (KHTML, like Gecko) Version/3.1.2 Safari/525.22 200

यानी कि नेपाली नौ दो ग्यारह और हिंदी हाज़िर।

लेकिन सवाल तो पैदा हो ही गया न एक और। कि फ़ायर्फ़ाक्स हिन्दी कैसे दिखा रहा था, उसने भी नेपाली क्यों नहीं दिखाई? उसका कारण यह है कि फ़ायर्फ़ाक्स सेब, बिल्लू और लिनक्स तीनों पर चलने वाला, वह सेब की जमावट का लिहाज़ नहीं करता, उसे सही कपड़े पहनाने के लिए "वरीयता..." में जा के भाषाओं का क्रमांकन चुनना होता है।

इसमें एक समस्या है, "ऊपर जाएँ" और "नीचे जाएँ" के बजाय "ऊपर ले जाएँ" और "नीचे ले जाएँ" होना चाहिए। लोमड़ी के अभिभावक को बता दिया गया है।

अब आप बताएँ, कि आपने अपने ब्राउज़र को कौन सी भाषा के कपड़े पहनाएँ हैं? जाँचें यहाँ और बताएँ।

इस जानकारी को सेब वाले पन्ने पर भी डाल दिया है।

21.12.08

आपने फॉ़यरफॉ़क्स के नवीनतम संस्करण से अद्यतन किया गया है.

हैं भई हैं, ये क्या है जी?

फ़ायर्फ़ाक्स तो चढ़ा लिया, लेकिन ये छोटे बच्चे की तरह क्या बिलबिला रहा है?

आपने फ़ॉयरफ़ॉक्स के नवीनतम संस्करण से अद्यतन किया गया गया है?
ये क्या बात हुई। शायद कहना चाहते थे कि
आपने फ़ायर्फ़ाक्स का अद्यतन कर नवीनतम संस्करण पा लिया है।

उसके बाद कहते हैं कि

आपके समय के लिए शुक्रिया!
हाँ, यह ठीक है, पर आमतौर पर लोग यह कहते हैं,
अपना समय देने के लिए शुक्रिया!

और तो और, यह लूमड़ यह भी कह रहा है,

इस बंद बटन पर इस टैब पर अपने होम पेज जाने के लिए क्लिक करें
शायद कहना चाहता था,
अपने मुखपृष्ठ पर जाने के लिए इस खाँचे को बंद करने वाली कुंजी पर चटका लगाएँ।

और यह कहते हैं,

हजारों विशेषज्ञों की दुनिया भर के समुदाय हर दिन आपकी ऑनलाइन सुरक्षा के बारे में नवीनतम खतरों से लड़ने के लिए काम कर रहे हैं.
शायद यह कहना चाह रहे थे,
दुनिया भर के विशेषज्ञों के हज़ारों समुदाय हर दिन आपकी ऑन्लाइन सुरक्षा पर होने वाले नायाब हमलों से लड़ने की दिशा में काम कर रहे हैं।

और,

हमारे आरंभ करें पृष्ठ का भ्रमण करें यह जानने के लिए कि आप अपने फॉ़यरफॉ़क्स का अधिक से अधिक कैसे लाभ पा सकेंगे.
अंग्रेज़ी में यह अच्छा लगता पर हिंदी में यह बेहतर -
फ़ायर्फ़ाक्स का अधिक से अधिक लाभ पाने के बारे में जानने के लिए हमारे "आरंभ करें" वाले पन्ने पर जाएँ।

और रिलीज़ नोट्स यानी वितरण सूचना।

और सबसे बड़ी बात, फ़ायर के फ़ा का उच्चारण फ़ॉ नहीं होता है, इसलिए फ़ के ऊपर चंद्र नहीं होना चाहिए।

इस लोमड़ी के छोटे बच्चे के अभिभावक लूमड़ बाबा को सूचित कर दिया है। निश्चित रूप से वे और भी बेहतर बना सकेंगे अपने लूमड़ को, हम क्या चीज़ हैं।

आपकी राय?

20.12.08

फ़ायर्फ़ाक्स तो हिंदी में है ही, उसका मुखपृष्ठ भी।

अपनी पसंद की भाषा में फ़ायर्फ़ाक्स उतारिए, वह भी अपनी पसंद की भाषा के मुखपृष्ठ से!

  1. हिंदी, http://hi-in.www.mozilla.com/hi-IN/
  2. बंगाली, http://bn-in.www.mozilla.com/bn-IN/
  3. गुजराती, http://gu-in.www.mozilla.com/gu-IN/
  4. पंजाबी, http://pa-in.www.mozilla.com/pa-IN/
  5. सिंहली, http://si.www.mozilla.com/si/
है न मज़ेदार? इतना ही नहीं, हिंदी वाले क्रोम से http://firefox.com पर जाएँगे तो वह अपने आप हिंदी वाले स्थल की ओर ले जाएगा!

19.12.08

चालान कटा, और हम धन्य हुए

चालान कटा। कटा, चंडीगढ़ में शायद ही कोई वाहन चालक हो जिसका न कटा हो, बहुत मुस्तैद कोतवाल हैं यहाँ, इसलिए क्यों - कैसे में नहीं पड़ रहा। नतीजा यह कि गाड़ी के दस्तावेज़ जब्त हो गए हैं, उसके बदले चालान का पर्चा हाथ में थमा दिया गया।

चालान की पर्ची में नीचे ऑन्लाइन जुर्माना देने की सुविधा के बारे में लिखा था, तो सोचा आजमाई जाए।

आगे चर्चित सभी स्थल अंग्रेज़ी में ही हैं - फ़िलहाल।

अव्वल तो तीन चटके लगे - यहाँ से यहाँ[१], और फिर यहाँ[२]। मज़े की बात यह, कि यह आखिरी पन्ना सत्रारंभ के बक्से तक भेजता है, और इसके परिमाण में है -

?user=''&pwd='%20'

जियो बेटा - यूआरऍल में कूटशब्द! वैसे %20 तो खाली स्थान ही होता है, चुनाँचे पर्चा कुछ ऐसे दिखा - चंडीगढ़ ट्रैफ़िक पुलिस खाता तो अपना है नहीं, इसलिए लगा तीसरा चटका और पहुँचे यहाँ - पर्चे में शहर का नाम चंडीगढ़ के अलावा कुछ और नहीं हो सकता है, मतलब अगर कोई ढकोली वाला चालान देना चाहे तो दिक्कत। खैर अपने गाँव का नाम पते में घुसेड़ दिया पिन कोड समेत। और फिर पर्चा जमा करने पर क्या हुआ?

खाता खोलें

यानी पर्चा नौ दो ग्यारह! हम धन्य हुए यह जान के कि पुलिस वाले आजकल ऑरेकल हटटप सर्वर अपाची १.३.२२ चलाते हैं और वह भी पोर्ट ८० पर।

कई मामलों में बाड़मेर और सीकर वाले अभी चंडीगढ़ से आगे हैं।

अपने पंचांग में १७ जनवरी २००८ १० बजे का समय लिख लिया है, कचहरी में हाज़िर होने और जुर्माना जमा करने के लिए। हाँ निकलने से पहले एक बार फिर पर्चा जमा करके ज़रूर देख लूँगा।

18.12.08

आन, बान और शान

वीर भोग्या वसुन्धरा का यह जालस्थल इतना खुफ़िया है कि सदस्यों के चिट्ठे पढ़ने के लिए भी खाताधारी बनना ज़रूरी है। आज के चोर उचक्कों वाली दुनिया में शायद यह ज़रूरी है।

17.12.08

वर्तनी जाँचक और देवनागरी : स्वर / व्यंजन जो यूनिकोड में हैं पर संस्कृत में नहीं हैं

जब वर्तनी जाँचक के बजाय नुक्तों की बात छिड़ गई है तो आइए देखते हैं वह कौन से कूटबिंदु हैं जो यूनिकोड वाले देवनागरी के नाम पर मुहैय्या कराते हैं पर संस्कृत में प्रयुक्त देवनागरी वर्णमाला में नहीं हैं। (वास्तव में वर्तनी जाँचक के नज़रिए से देखें तो नुक्ता तो बहुत छोटा, अच्छी तरह परिभाषित मसला है, नुक्ता सहित जाँचें या बगैर - आसानी से किया जा सकता है - पर यह नीचे के ११ मसलों में से केवल एक ही है और सबसे आसानी से सुलझने वाला भी। )

  1. चंद्रबिंदु - जैसे कि चाँद में
  2. - यह स्वर मलयालम में बड़ा "ए" की तरह उच्चारित होता है। ध्यान दें यह ऐ (अ+इ सा उच्चारण), नहीं है। देवनागरी में केवल मलयालम आदि से लिप्यांतरण की सुविधा के लिए इसे शामिल किया गया है।
  3. - यह स्वर यूरोपियन भाषाओं के कुछ शब्दों को लिप्यंतरित करने के काम आता है जैसे, ऍक्लेयर, या ऍप्पल। ए का ए लंबा खींचने के बजाय ए और ऐ के बीच का स्वर।
  4. - जो ए के लिए ऍ है, वह आ के लिए ऑ है। जैसे कि ऑन, ऑफ़ आदि अंग्रेज़ी शब्दों के लिए।
  5. - यह भी मलयालम के बड़े ओ की तरह है, उच्चारण लंबे ओ की तरह होता है न कि औ(अ+उ) की तरह।
  6. ऩ य़ - यह न और य नहीं है, बल्कि तमिळ, मलयालम में एक और "न" और "य" होता है। इसका ठीक ठीक उच्चारण मुझे नहीं पता है लेकिन क्रमशः न और य जैसा ही होता है, मगर उनसे भिन्न।
  7. ऱ - यह मराठी में काम आता है जैसे कि दऱ्या जैसे शब्दों में।
  8. ऴ - यह ल, ळ की शृंखला में अगली कड़ी है। तमिळ, मलयालम में इसका प्रयोग होता है। मेरी जानकारी में, संस्कृत में इसका कोई समानोच्चारक नहीं है।
  9. क़ ख़ ग़ ज़ फ़ - नुक्तायुक्त शब्द। अरबी-फ़ारसी शब्दों के लिए।
  10. ड़ ढ़ - गाड़ी, बढ़ई
  11. ॻ ॼ ॽ ॾ ॿ - यह पाँच व्यंजन कश्मीरी और सिंधी में काम आते हैं। अगर आपको ये अपने पर्दे पर दिख नहीं रहे तो इसलिए कि ये यूनिकोड में नए जोड़े गए हैं। ये क्रमशः ग, ज, के नीचे लेटी लकीर के साथ, उल्टा ट, ड, ब के नीचे लेटी हुई लकीर के साथ लिखे जाते हैं। शायद रमण जी इनके बारे में बता पाएँ।

ज़ाहिर है कि संस्कृत(और हिंदी) इस यूनिकोड परिभाषित देवनागरी लिपि के एक अंश का ही प्रयोग करती हैं। वर्तनी जाँचकों और भाषा अनुमानकों को को भी इसका ध्यान रखना चाहिए।

और हमें होना चाहिए, नौ दो ग्यारह।

16.12.08

देवनागरी में शब्द लपेटना

अपन लोगों को तो पता ही है कि देवनागरी लिखते समय हम वास्तव में अक्षर दर अक्षर लिखते नहीं है। जैसे कि अक्षर शब्द को ही लें, अगर एक पंक्ति के अंत में जगह कम हो तो इसे लपेटने के लिए हम करेंगे

  1. अ-
    क्षर, या
  2. अक्ष-

पर बिचारे कंप्यूटर को यह कौन बताए कि अ, क, हलंत, ष और र से बना यह शब्द इन्हीं दो तरीकों से ही लपेटा जा सकता है - मतलब लपेटा तो और भी तरह से जा सकता है लेकिन सुविधाजनक यही दो हैं?

कंप्यूटर को यही सिखाने की कोशिश कर रहे हैं सन्तोष तोट्टिङ्गल। उन्होंने, एक शब्दभञ्जन कोष तैयार किया है, और उसके परीक्षण के लिए आमंत्रण दिया है।

15.12.08

अमरूद खाते खाते वापस

लौट रहा हूँ, गाड़ी चार घंटे लेट है, शायद ज़्यादा भी। आज का दफ़्तर तो ठप्प ही समझो। इलाहाबाद में प्रमेंद्र जी से मुलाकात हुई, उन्होंने कुल्हड़ वाली चाय पिलाते हुए चंडीगढ़ आने का मेरा आमंत्रण स्वीकारा। पता चला कि मेरे ससुराल वाले और प्रमेंद्र जी का इलाका एक ही है।

दस साल बाद इलाहाबाद जा के मज़ा आया। आशा है अगला सफ़र जल्द हो। लेकिन इस लेट लतीफ़ ऊँचाहार एक्स्प्रेस से नहीं। लेट लतीफ़ शब्द की उत्पत्ति के बारे में सोच रहा था, कि लेट शब्द का जन्म होने/उसके स्वीकार्य होने से पहले लेट लतीफ़ों को क्या कहा जाता था? पर शायद कुछ नहीं, समय से आना एक पाश्चात्य, पूँजीवादी गुण है। क्या विचार है आपका इस बारे में?

इस बार इलाहाबाद में अपने रिश्तेदारों में ग्राम निवासी, शहर निवासी व महानगर निवासी, तीनो प्रकार के रिश्तेदारों से मिला, उन्हें आमने सामने देखा। स्पष्ट था कि आर्थिक समृद्धि महानगर वालों तक ही केंद्रित थी। अफ़सोस हुआ, कि एक जीवनशैली का अंत हो रहा है, धीरे धीरे।

अमरूद अच्छे हैं।

14.12.08

क्रोम ब्राउज़र का वर्तनी जाँचक - और नुक्तों की कहानी

गूगल के नए क्रोम ब्राउज़र के वर्तनी जाँचक के बारे में लिखने की सोच ही रहा था कि यह लेख दिखा जो नुक्तों को परे करने की हिमायत करता है।

पर पहले क्रोम के बारे में। मुझे इसमें यह बात बहुत बढ़िया लगी कि अगर मैं इसका इस्तेमाल करते हुए ज़ायज़ लिखता हूँ तो उसके नीचे लाल लकीर आ जाती है, और बदल के जायज़ कर देता हूँ तो लकीर गायब हो जाती है! नुक्ते सही जगह लगाने की इच्छा न रखते हुए भी इस सुहूलियत ने मुझे सही लिखने को बाध्य किया। पसंद आया। उल्टे कई संस्कृत के शब्द क्रोम को नहीं पता थे, उन पर लाल लकीर थी - पर शब्दकोश शायद धीरे धीरे बढ़े। आप लोगों के क्रोम या किसी अन्य वर्तनी जाँचक के कैसे अनुभव हैं जानना चाहूँगा।

बाकी रही नुक्तों की कहानी, तो जो चीज़ समझ नहीं आती उससे परे हो लो, ठीक है, पर मुझे लगता है कि यह सिर्फ़ एक छोटी सी बिंदी है इसलिए नज़रंदाज़ कर दें यह ठीक नहीं है। इस हिसाब से तो हम हर समय ठ के बजाय ट ही क्यों न लिखें, समझने वाले समझ ही जाएँगे, और लिखने वाले की स्याही भी बचेगी। आखिर तमिल में ट, ठ, तो क्या ड और ढ भी ट की तरह ही लिखे जाते हैं, लोग अपने हिसाब से समझ जाते हैं। इसके बारे में भी आपके विचार जानना चाहूँगा।

13.12.08

प्रतिलिपि

एक तो वैसे ही अगर कोई .इन डोमेन पर अपना माल चढ़ाता है तो दिल खुश हो जाता है, ऊपर से इतनी मेहनत से द्विभाषीय पत्रिका निकाली है प्रतिलिपि.इन वालों ने तो क्या कहने।

भइया आखिर द्विमासिक, द्विभाषी पत्रिका है कोई मज़ाक थोड़ी है। और प्रिंट ऑन डिमांड पर। अप्रैल, जून, अगस्त, अक्तूबर के बाद अब यह दिसंबर २००८ का अंक है। सबसे अच्छा तो इसका साज सज्जा लगा - वर्डप्रेस वाकई बढ़िया है। हाँ नाम थोड़ा फ़ैबिंडियाई है पर पढ़िए

12.12.08

आ रहा हूँ अमरूद खाने

कहाँ? वहीं, जहाँ के मशहूर हैं! हो सकती है मुलाकात, तो बढ़िया हो। वैसे जाना मुझे उसी -पुर में है जिस -बाद में वह है। इस शनिवार और इतवार। तेरह दिसंबर की दोपहर से १४ दिसंबर की दोपहर के बीच।


इससे बड़ा नक्शा देखें

अफ़सोस कि पहले बता न पाया, ध्यान ही नहीं रहा! मुलाकात न हो पाए तो कोई बात नहीं, गलती मेरी ही है।

11.12.08

इंस्क्रिप्ट सीखें - का भाग २

लीना मेहंडले द्वारा निर्मित इंस्क्रिप्ट प्रशिक्षक वीडियो का पहला भाग तो मिला था पर दूसरा नहीं।

यह था पहला भाग।

और यह है दूसरा भाग।

अगर आप अभ्यास करना चाहते हैं तो ये वीडियो काम के हैं।

10.12.08

मुबारक हो मुबारक

अपने घर पर बीऍसऍनऍल का फ़ोन लग गया! उम्मीद है कि जल्द ही ब्रोडबैंड भी लग जाएगा। उम्मीद है भारत सरकार के इस कदम से ऊलजुलूल उन्नत तकनीकों से जल्दी छुटकारा मिलेगा। लेकिन बहुत कुछ सीखने को भी मिला। पर अब जल्द ही २७ लाख ७० हज़ार एक होने जा रहे हैं हम!

रमण जी की बदौलत संख्या एक लाख कम हुई। २६ लाख ७० हज़ार एक।

9.12.08

मतदान करें!

आप सबसे अनुरोध है कि चिट्ठाजगत सुझाव मंच को पूर्णतः हिंदी में प्रदर्शित करने के लिए इस सुझाव पर मतदान करें वैसे आप १, २ या ३ मत दे सकते हैं। अधिक से अधिक मत दे के इस कार्यक्रम को जल्द से जल्द सफल बनाएँ।

 

मतदान कड़ी

8.12.08

सुधर्मा

जी हाँ, संस्कृत का अखबार, मैसूर से छपता है, और पीडीऍफ़ प्रारूप में हैं। पिछले कई सालों से हैं, पता नहीं जाल पर कब से है। बढ़िया है।

6.12.08

चिट्ठाजगत.इन के लिए सुझाव देने का एक नायाब तरीका - चिट्ठाजगत मंच

तरीका नायाब है और शानदार भी है।

 

सीधे पहुँचे http://chitthajagat.uservoice.com/ पर, और दे दें अपनी दर्ख्वास्त, इतना ही नहीं, देखें कि और लोग क्या सुझा रहे हैं, और दूसरों के सुझावों पर भी अपनी राय दें।

 

इस्तेमाल करने में आसान, न ही आपका बहुत समय खाएगा।

 

तो इन्तज़ार किस बात का है, आजमाइए चिट्ठाजगत मंच को।

5.12.08

कुछ खेलमखेल

4.12.08

ईरानी रेडियो

ईरानी रेडियो एऍम - शॉर्ट्वेव पर आता है यह पता चला पर यह नहीं पता चला कि इनकी हिन्दी सेवा है या केवल फ़ारसी।

वैसे सपनों के देश ईरान का यह स्थल उच्चारण जानने के लिए बहुत अच्छा है - उदाहरण के लिए ग़ज़्ज़ा - यह उच्चारण तो अपने आकाशवाणी वाले भी नहीं करते लेकिन यहाँ ऐसा लिखा देख के लगता है कि शायद यही सही हो।

3.12.08

आपका संदेश alt.language.hindi में क्षण भर के लिए दिखेगा.

भाई यह तो गड़बड़ है!

मैंने एक समाचार समूह समूह में लेख लिखा, और छापने के बाद गूगल भइया ने कहा,

 

आपका संदेश alt.language.hindi में क्षण भर के लिए दिखेगा.

 

क्यों भाई, कई क्षण बीत चुके हैं अब तक दिख रहा है! शायद गूगल भइया कहना चाहते थे,

 

आपका संदेश alt.language.hindi में क्षण भर में दिखेगा.

 

 

लगता है हिन्दी सीख रहे हैं, शायद कुछ दिनों में ठीक हो जाए।

 

1.12.08

पाकिस्तान के समुद्री तट का अधिग्रहण

एक शान्तिप्रिय देश होने के नाते भारत का फ़र्ज़ है कि पाकिस्तान के १०५० किमी लम्बे समुद्री तट से लगे भूभाग का अधिग्रहण कर ले। दो सौ किलोमीटर गहराई तक। कुल क्षेत्रफल दो लाख वर्ग किलोमीटर। बहुत अधिक नहीं है। इससे दोनो देशों को फ़ायदा होगा।

कुछ जानें जाएँगी, पर कुल मिला के पचास साल की अवधि में जान माल का नुकसान कम ही होगा।

 

यह रहा नक्शा।

 

क्या विचार है आपका?