19.12.08

चालान कटा, और हम धन्य हुए

चालान कटा। कटा, चंडीगढ़ में शायद ही कोई वाहन चालक हो जिसका न कटा हो, बहुत मुस्तैद कोतवाल हैं यहाँ, इसलिए क्यों - कैसे में नहीं पड़ रहा। नतीजा यह कि गाड़ी के दस्तावेज़ जब्त हो गए हैं, उसके बदले चालान का पर्चा हाथ में थमा दिया गया।

चालान की पर्ची में नीचे ऑन्लाइन जुर्माना देने की सुविधा के बारे में लिखा था, तो सोचा आजमाई जाए।

आगे चर्चित सभी स्थल अंग्रेज़ी में ही हैं - फ़िलहाल।

अव्वल तो तीन चटके लगे - यहाँ से यहाँ[१], और फिर यहाँ[२]। मज़े की बात यह, कि यह आखिरी पन्ना सत्रारंभ के बक्से तक भेजता है, और इसके परिमाण में है -

?user=''&pwd='%20'

जियो बेटा - यूआरऍल में कूटशब्द! वैसे %20 तो खाली स्थान ही होता है, चुनाँचे पर्चा कुछ ऐसे दिखा - चंडीगढ़ ट्रैफ़िक पुलिस खाता तो अपना है नहीं, इसलिए लगा तीसरा चटका और पहुँचे यहाँ - पर्चे में शहर का नाम चंडीगढ़ के अलावा कुछ और नहीं हो सकता है, मतलब अगर कोई ढकोली वाला चालान देना चाहे तो दिक्कत। खैर अपने गाँव का नाम पते में घुसेड़ दिया पिन कोड समेत। और फिर पर्चा जमा करने पर क्या हुआ?

खाता खोलें

यानी पर्चा नौ दो ग्यारह! हम धन्य हुए यह जान के कि पुलिस वाले आजकल ऑरेकल हटटप सर्वर अपाची १.३.२२ चलाते हैं और वह भी पोर्ट ८० पर।

कई मामलों में बाड़मेर और सीकर वाले अभी चंडीगढ़ से आगे हैं।

अपने पंचांग में १७ जनवरी २००८ १० बजे का समय लिख लिया है, कचहरी में हाज़िर होने और जुर्माना जमा करने के लिए। हाँ निकलने से पहले एक बार फिर पर्चा जमा करके ज़रूर देख लूँगा।

4 टिप्‍पणियां:

  1. क्या बात है सुविधा तो है पर जमा न कर पाने की दुविधा भी है! वाह रे सरकारी कार्यपालकों!

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  2. बेनामी11:47 am

    थोडे़ समय में direct debit होने वाला है.. और दिल्ली में तो पुलि्स वाला आपका पुराना बकाया भी वसूल करने वाला है..

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  3. बेनामी9:21 pm

    अरे आपको पता नहीं है कि सरकारी काम करने के ठेके कैसे लोगों को मिलते हैं??!! ;) तो यदि अनाड़ीपन में वेबसाइट बनाई गई है तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए, ही ही ही!! :D

    वैसे इस मामले में दिल्ली पुलिस सही है। लोगों को कोर्ट-कचहरी के झंझट में नहीं पड़ना पड़े इसके लिए चालान को ऑन द स्पॉट वसूल के रसीद दे दी जाती है, कोई कागज़ात आदि ज़ब्त नहीं किए जाते और कचहरी में हाज़िरी लगाने का झंझट भी नहीं! :)

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  4. चालान कटा। कित्ते गये?

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