tag:blogger.com,1999:blog-6133551.post1461932170184625095..comments2024-01-19T08:14:40.801+05:30Comments on नौ दो ग्यारह: यूँ खत्म हुई चालान की कहानीआलोकhttp://www.blogger.com/profile/03688535050126301425noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-6133551.post-22224043955077837422009-01-20T01:39:00.000+05:302009-01-20T01:39:00.000+05:30100 रूपए का चालान कटा और 120 पेट्रोल में लगे - समय...100 रूपए का चालान कटा और 120 पेट्रोल में लगे - समय को न गिनो तो सस्ते में छूट गए। यहाँ 500 का चालान कटता है, पुलिस वाला ज़रूरतमंद हो तो 200-300 में बिना पर्ची के निपटा देता है। लेकिन कचहरी के धक्के खाने से बंदा बच जाता है!<BR/><BR/>आपको सरकार यह ग्लानि भी करवा रही है कि आपका समय और पैसा तो खर्च होगा ही, साथ ही नाहक सरकार का पैसा भी खर्च होगा, इसलिए ऐसा काम न किया कीजिए कि चालान कटे! :)Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6133551.post-92167776233161572712009-01-19T22:02:00.000+05:302009-01-19T22:02:00.000+05:30सस्ते छूटे न!सस्ते छूटे न!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.com