17.4.05

वेटा बाप से भी गोरा

बेटा तो बाप से भी गोरा है। बाप को ठीक करने के लिए गूगल भइया को लिखा है। देखते हैं क्या करता है इस बार। बहरहाल, यूज्नॅट के समाचार समूह पर सन्देश भेजने के कई फ़ायदे है, बनिस्बत याहू समूह या गूगल समूह के। यूज़्नॅट के सन्देशों का आतिथ्य कई जगह होता है, इसके पुरालेख भी कई जगह मौजूद रहते हैं। तो आपकी बात जङ्गल की आग की तरह बहुत जगह, बहुत जल्द फैल जाएगी। बस चक्कर यह है कि डाक पता आपको फेंकू वाला इस्तेमाल में लाना होगा। एक सवाल, इन छवियों में जो सन्देश हैं, वे आपको अपने समाचार पाठक यानी न्यूज़रीडर से दिख रहे हैं क्या? बताइएगा। अपने पास तो अब कोई समाचार वाली सदस्यता रही नहीं, क्योंकि बर्लिन वालों ने तो पैसे माँगने शुरू कर दिए हैं। यदि किसी को कोई और फ़ोकट वाला पता हो तो बताने का कष्ट करें, बहुत आभारी रहूँगा, क्योंकि यूज़्नॅट न होता तो शायद मुझे बहुत देर से पता चलता कि जाल पर हिन्दी में कैसे लिखा जाए। जय हनुमान, शायद यह था पहला सन्देश जिसे पढ कर मुझे लगा कि ये तो बढ़िया है! हिन्दी के कुछ आदि सन्देशों में से एक। हेमन्त जी का साक्षात्कार पढ़ के लगा कि यूज़्नॅट को प्रायः भूल सा गया हूँ, जबकि ऐसा होना नहीं चाहिए था। भले ही यह चमक दमक वाला माध्यम न हो, इसकी पहुँच बहुत है। पर भूलने का मुख्य कारण सुगमता से लेखन व पाठन की सुविधा न होना ही था। आप भी चाहें तो गूगल बाप की समस्या के बारे में गूगल को लिख सकते हैं।

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