29.11.07

भारत टेक्स्टाइल

मेरे एक करीबी (करीबी या क़रीबी?) रिश्तेदार कपड़ा उद्योग में काम करते हैं, और आजकल वहाँ - कम से कम निर्यातकों में - मायूसी छाई हुई है, जो माल बेचने का वादा डॉलर के ४६ के भाव पर तय किया गया था, वही अब ३९ में बेचना पड़ रहा है। ऐसी और कपड़ा उद्योग से जुड़ी अन्य कई खबरें भारत टेक्स्टाइल वाले दे रहे हैं। लेकिन खरीद फ़रोख्त की सुविधा में हिन्दी नौ दो ग्यारह है।

रेडियो रूस

अगर कोई रूस को अन्य देशों के साथ उस के फ़ौजी तकनीकी सहयोग घटाने पर मजबूर करने की कोशिश करेगा तो यह कोशिश असफल होगी। - व्लादिमिर पुतिन। ऐसे दमखम वाले रूस को नौ दो ग्यारह करना आसान काम नही है। पोदकास्त भी हैं :) - इस विज्ञापन में ही कुछ वर्तनी की गलतिया हैँ, वरना स्थल एकदम पाक-साफ़ है।

28.11.07

दैट्स हिन्दी

इनके चिट्ठे वाले वर्ग की तो बात ही निराली है - अपने स्थल पर अलग फ़्रेम में जालस्थल दिखा रहे हैं - बिना अनुमति के - पर उसके अलावा बाकी वर्ग तो पसंद आए। वैसे इस अग्रेज़ीमय हिन्दी स्थल की तो नुक्ताचीनी हो चुकी है, पर मुझे हॉलीवुड वाली तस्वीरें खास पसंद आईं। नो नो, दैट्स अंग्रेज़ी - हिन्दी इज़ नौ दो ग्यारह!

एक लैपटॉप प्रति बच्चा

आप चाहें तो बच्चों के हिसाब से अनुवाद कर सकते हैं या मौजूदा अनुवाद सुधार सकते हैं। पहले रवि ने भी उल्लेख किया था इसका, अब हम होते हैं नौ दो ग्यारह।

26.11.07

९-२-११ की टिप्पणी नीति

नौ दो ग्यारह पर आपकी टिप्पणियों का स्वागत है। यदि आप यहाँ टिप्पणी करते हैं या उनका पुनरुपयोग करते हैं तो इन नीतियों के अधीन करें -
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यदि आपके इस नीति संबंधी कोई प्रश्न हों तो कृपया टिप्पणी के जरिए पूछ लें :)

22.11.07

कंप्युत्रिका

कंप्यूटर के बारे में पत्रिका - क्या क्या देखना चाहेंगे आप इसमें? बताएँ, सत्रारंभ करके। कच्चा खाका। और चर्चा करना चाहें तो दीवान डाक सूची की सदस्यता भी ले सकते हैं। अब हम होते हैं नौ दो ग्यारह।

20.11.07

पतले होने का नुस्खा?

घर आँगन और दादी के नुस्खे में अभी तक यह नहीं बताया गया है कि पतला होने के लिए कौन सा मेवा कितने दिन, कितनी बार चबाया जाए। दरअसल मेरी कमर की गोलाई ३६ इंच हो चुकी है। केवल दो पतलून पहन पा रहा हूँ, उनमें से एक तो इसी इतवार को ली है। खाने में समोसे, पीत्ज़ा, मक्खन, पकौड़े, कचौड़ियाँ, चीज़ी गार्लिक ब्रेड(खोज में कहीं नहीं मिली!), दोसा, शाही पनीर, आलू टिक्की, पनीर टिक्का सब को नौ दो ग्यारह कर दिया है। दिन में कम से कम एक घंटे चलता हूँ। ब्रेड पकौड़े भी नहीं खा रहा और छोले भटूरे भी नहीं। हो जाएगा एक इंच प्रति माह के दर से घटाव? वैसे दादी की पोती को वर्तनी ठीक करने के उपाय भी अपनी दादी से पूछने चाहिए।

18.11.07

बारिश की खुश्बू की ताज़गी

चिट्ठों की भीड़ में अपनी पहचान बना पाना आसान नहीं है, आज का ताज़ा चिट्ठा कल का बासी बन के नौ दो ग्यारह हो जाता है। ऐसे में एक चिट्ठा सौरभ पाण्डे का - बारिश की खुश्बू - भा गया। सोचा कि क्यों भाया - शायद इसलिए कि एक तो उनकी हिंदी पाक-साफ़ है, और दूसरा उनके लेखन में उनका व्यक्तित्व झलकता है, ऐसा नहीं लगता कि किसी को चमत्कृत करने के लिए लिख रहे हैं। वैसे तिरुपति-शैली की धर्मांधता (और वैष्णो देवी शैली की भी) के बारे में मेरे विचार भी काफ़ी तीखे हैं, आप तिरुपति न जा पाए तो परेशान न हों! वहाँ जाना हिमालयन कार रैली का रोमांच तो दे देगा, पर यदि वास्तव में आध्यात्मिक उन्नति चाहिए तो अपने घर के एक कोने में उतना ही समय बिताना संभवतः अधिक लाभ देगा।

17.11.07

गुरुजी पर गुरुजी खोजिए + ब्लॉगर से हिंदी गायब

गुरुजी का हिंदी जालस्थल तो शायद पहले से ही था पर मैंने आज ही देखा। खोज करने पर पहला पन्ना काफ़ी धीरे आया पर परिणाम अच्छे हैं। अधिकतर भारतीय स्थल, जैसा कि गुरुजी कहते हैं। और मज़ेदार बात थी कि इनकी हिंदी काफ़ी अच्छी है, अनूदित सी नहीं लगती। इस बीच ब्लॉगर से हिंदी का विकल्प ही नौ दो ग्यारह हो गया है ऐसा लगता है। जब तक वापस नहीं आता है तब तक जापानी ही झेलो। ब्लॉगर-हिंदी-में-नहीं मतलब, ब्लॉगर का स्थल तो हिंदी में है, पर ब्लॉग्स्पॉट पर प्रकाशन का हिंदी वाला विकल्प ही गायब है। ब्लॉगर-हिंदी-में-पर ब्लॉग्स्पॉट नहीं शायद इस त्रुटि को ठीक कर रहे हों, कुछ समय बाद फिर वापस आजाए।

16.11.07

एक जापानी की यूनिकोड तालिका

जापानी और जापानियों की चर्चा हो ही रही है तो एक जापानी, रिचर्ड इशिदा - की बनाई इस तालिका को ही देख लें। अगर कहीं खाली डब्बे दिख रहे हों तो - "Show as graphics" पर सही का निशान लगाने पर ही सारे अक्षर दिखेंगे। अब इसमें 97D पर जो हँसिया बना है, वह क्या अक्षर है, समझ नहीं आया। उसके ऊपर नीचे के दो दो अक्षर तो शायद सिंधी और कश्मीरी में काम आते हैं। हाँ, वैदिक संस्कृत में स्वर/लय के लिए व्यंजन के ऊपर का खड़ा डंडा और व्यंजन के नीचे लेटा डंडा कहीं नहीं दिख रहा तालिका में, शायद यह इससे संबंधित हो? इस वाली तालिका में देखने से पता चला कि इसका नाम DEVANAGARI LETTER GLOTTAL STOP है। बस स्टॉप तो सुना था, पर ग्लोट्टल स्टॉप क्या है, शायद हरिराम जी बता पाएँ। हम होते हैं नौ दो ग्यारह, सायोनारा।

खोदा जापान मिले होटल और तस्वीरें और नेपाली

कल के लेख के बाद जापान के बारे में थोड़ी और खोज करते करते कुछ और अच्छे स्थल मिले - द वर्ल्ड इन फ़ोटोज़ और प्लानिगो - रोज कि दुनिया से तंग आ गए हों तो जमा पूँजी यूरोप घूमने लगाइए और तस्वीरें खींचिए। यह भी पता चला कि जापान में नेपाली लोग काफ़ी संगठित हैं। अब हम होते हैं नौ दो ग्यारह रोज़ की दुनिया में प्रवेश करने के लिए। रोज या रोज़?

15.11.07

आगे बिल्लू, पीछे सेब

खबर यह है कि बिल्लू सेब को नहीं खा रहा, बल्कि सेब आगे दौड़ रहा है और बिल्लू पीछे। जापान में पिछले महीने, यानी अक्तूबर २००७ में ५४% सेब बिके हैं। यानी नए कंप्यूटर खरीदने वाले आधे से ज़्यादा वहाँ सेब खा रहे हैं। इससे कई बाते सामने आईं -
  1. जापानियों के पास बहुत पैसा है।
  2. जापानी लोग ओम शांति ओम, साँवरिया जैसी सड़ी फ़िल्मों के बजाय वास्तव में कलात्मक चीज़ें पसंद करते हैं
  3. यह खबर सुन कर ब्लॉगर इतना खुश हुआ कि हिंदी की तारीखें भूल गया। ब्लॉगर-हिंदी-त्रुटि बदल कर जापानी करनी पड़ी, सेटिंग्स -> प्रारूपण में जा कर। ब्लॉगर-जापानी
पर लाख बात की एक बात। बिल्ली से तेज़ तो तेंदुआ ही भागेगा न। तभी तो अक्तूबर में बिके कुल कंप्यूटरों में से १०० में ५४ तेंदुए ही बिके जापान में, मत्सु जी आजकल नौ दो ग्यारह हैं पर बिल्लू को पीटने पर उनको बधाई।

12.11.07

इण्डलिनक्स वालों की गपशप १३ नवंबर २००७ को

यह गपशप irc.freenode.net पर होगी, #indlinux पर। चर्चा के विषय वही होंगे जो आमतौर पर इण्डलिनक्स में होती है, बस डाक के बजाय थोड़ी और तुरत फुरत। यदि आपको यह न पता हो कि आईआरसी क्या होता है, तो यह ऍचटीटीपी या ऍफ़टीपी की तरह का ही एक और शगूफ़ा है। बंगलोर में पहली बार देखा था - कई साइबर कैफ़ों में रहता था। आजकल नौ दो ग्यारह हो चला है। आईआरसी के यूआरएल भी होता हैं, जो कि irc:// से शुरू होते हैं। जैसे ऍचटीटीपी मूलतः ८० का इस्तेमाल करता है, वैसे ही आईआरसी ६६६७ का इस्तेमाल करता है। और हाँ, इसमें से अधिकतर जानकारी यह लेख लिखने के पहले मुझे भी नहीं थी। विंडोज़ के जरिए शामिल होना चाहें तो ऍमआईआरसी का इस्तेमाल करें, लिनक्स के जरिए शामिल होना चाहें तो ऍक्स-चैट का इस्तेमाल करें, और सेब के जरिए, पता नहीं, कभी आजमाया नहीं। कल आजमाता हूँ। तो मिलते हैं, irc://irc.freenode.net#indlinux पर, रात नौ से ग्यारह हिंदुस्तानी समयानुसार।

7.11.07

खबर एक्स्प्रेस

बीकानेर से छपी। पर पाठकों ने टिप्पणी अंग्रेज़ी में की है। फ़िल्म समीक्षा वाला हिस्सा खास पसंद आया। धनतेरस की खोज करते करते यह मिला।

टिप्पणियाँ नहीं दिख रही हैं

इस चिट्ठे पर ताज़ी टिप्पणियाँ नहीं दिख रही हैं, पर वह मौजूद हैं, नौ दो ग्यारह नहीं हुई हैं। यदि किसी को ऐसी समस्या आई हो तो बताएँ समाधान क्या हो सकता है। टिप्पणियों की मध्यस्थता लागू नहीं है। आप जवाब टिप्पणी से दे सकते हैं, यहाँ नहीं दिखेंगी पर मुझे डाक से तो मिल ही जाएँगी। शुक्रिया :)।

6.11.07

नोट का ब्लॉग और माले

हिंदी वाले ब्लॉगर को आपने देखा होगा तो नोट का ब्लॉग और माले के बारे में तो जानते ही होंगे। पर अगर नहीं, तो जान जाइए अब। ये है नोट का ब्लॉग। ब्लॉगर नोट का ब्लॉग यानी ब्लॉग्स ऑफ़ नोट। करारे नोटों वाले नहीं, वरन उल्लेखनीय चिट्ठे :) और यह लिंग माले में है - वह भी बिना वीज़ा के। ब्लॉगर माले गूगल भइया को इसके बारे में संदेश लिख दिया है। देखते हैं कितनी जल्दी ठीक होता है।

2.11.07

हिंदी जाल जगत, २००२ में, और आज पाँच साल बाद

सन २००५ में ली गई यह छवि, लिनक्स शब्द की खोज के ५८१ परिणाम दिखाती है। गूगल से लिनक्स के परिणाम और अब अगर यही खोज करेंगे, तो आते हैं लिनक्स के १२,२०० परिणाम। यानी दो साल में २१ गुना बढ़ोतरी। उसी तरह, नौ दो ग्यारह की खोज करने पर आज २०,२०० परिणाम मिले। २००२ या २००३ में २५ परिणाम मिले थे। गूगल से नौ दो ग्यारह के परिणाम पाँच साल के अंदर २५ और २०,००० में तो पूरे ८०८ गुना का फ़र्क है। है न दिलचस्प बढ़ोतरी हिंदी के स्थलों की? या हो सकता है गूगल ने अपनी खोज सुधार ली हो :) शायद दोनो ही हुए हैं। वैसे उन दिनों हिंदी खोज के लिए क्या शब्द डालें ताकि गूगल खाली हाथ न लौटे, यही सोचने में दिन के एक दो घंटे जाते थे। तारीखें ठीक करवाने के लिए अमित जी का शुक्रिया। कोई और त्रुटि हो तो बताएँ, आपका आभारी होऊँगा।

1.11.07

दावा

Review My Blog at HindiBlogs.org बस यही नहीं समझ आता कि अपनी ही चीज़ के लिए बार बार दावा क्यों ठोंकना पड़ता है। वैसे हिंदी ब्लॉग्स की शक्लोसूरत इतनी बढ़िया है कि नौ दो ग्यारह होने का मन ही नहीं करता। मैं वहाँ कम से कम २० मिनट तो बिता ही चुका हूँ। बस ऊपर तस्वीर में जो लिखा है वह हिंदी में होता तो मज़ा आ जाता।