26.11.07

९-२-११ की टिप्पणी नीति

नौ दो ग्यारह पर आपकी टिप्पणियों का स्वागत है। यदि आप यहाँ टिप्पणी करते हैं या उनका पुनरुपयोग करते हैं तो इन नीतियों के अधीन करें -
  1. कृपया व्यक्तिगत आक्षेप या गाली गलौज न तो करें और न ही उसपर प्रतिक्रिया करें।
  2. टिप्पणी तुरंत प्रकाशित होगी, अतः पहले पूर्वावलोकन कर लें।
  3. यदि आपकी टिप्पणी हिंदी में है तो वह कभी भी हटाई नहीं जाएगी।
  4. यदि वह किसी और भाषा में है और विषय से संबंधित है तो भी कभी हटाई नहीं जाएगी।
  5. टिप्पणियों का पुनः प्रकाशन टिप्पणी लेखक की अनुमति ले कर ही करें, सर्वाधिकार टिप्पणी करने वाले के पास सुरक्षित है।
इसी प्रकार, मेरे द्वारा की गई टिप्पणियों के बारे में -
  1. यदि आपको मेरे नाम से या कोई बेनामी टिप्पणी यहाँ या कहीं और मिलती है तो पहले मुझसे पुष्टि कर लें कि यह वास्तव में मैंने ही की है या नहीं। मैं बेनामी या किसी और के नाम से टिप्पणियाँ नहीं करता।
  2. मेरे द्वारा यहाँ या अन्यत्र लिखित टिप्पणियों का पुनरुपयोग या पुनर्प्रकाशन मुझसे अनुमति ले कर ही करें।
यदि आपके इस नीति संबंधी कोई प्रश्न हों तो कृपया टिप्पणी के जरिए पूछ लें :)

16 टिप्‍पणियां:

  1. आलोक जी कृपया स्पष्ट करें कि यदि पहला नुक्ता सही न हुआ तो क्या तीसरे नुक्ते के अनुसार फिर भी टिप्पणी प्रकाशित की जायेगी?

    दूसरी बात आजकल जो कुछ बेनामी चिट्ठे दूसरों के चिट्ठों से टिप्पणिया उड़ा कर अपनी पोस्ट बनाते हैं और उन्हें गलत और भड़काउ अंदाज में पेश करते हैं उनके लिये क्या नीति है?

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  2. यह नीति बनाने और घोषणा करने की क्या जरूरत आन पड़ी? वैसे पढ़ लिया है. ध्यान रखेंगे.

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  3. जगदीश जी,
    लिखने के लिए धन्यवाद।
    यदि पहला नुक्ता सही हुआ और तीसरा भी, तो भी टिप्पणी हटाई नहीं जाएगी। दुर्व्यवहारी चिरकाल के लिए, आने वाली पीढ़ियों के लिए अपनी अमिट छाप छोड़ दें। :) बस ऐसी टिप्पणियों को पढ़ने वालों से अनुरोध है कि क्या कहा जा रहा है उसी पर प्रतिक्रिया करें, कौन और कैसे, को नज़रंदाज़ करें। ऐसा करने से पहले नुक्तो को लागू करने की नौबत बहुत कम आएगी।

    मेरे द्वारा की गई टिप्पणियों पर सर्वाधिकार मेरा है, अतः आपके द्वारा बताई गई दूसरी सूरत में मैं व ऐसे अन्य सभी व्यक्ति क़ानूनी कार्यवाही करने का अधिकार रखता हूँ। ऐसा नहीं है कि माँगने पर मैं अनुमति दूँगा नहीं - पर अनुमति लेना ज़रूरी है, और मुझे मना करने का भी अधिकार है :)

    और प्रश्नों का स्वागत है। आपके सुझावों के अनुसार मैं नीति में परिवर्तन लाने को भी तत्पर हूँ।

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  4. आलोक भाई हमने भी पढ लिया है, ध्‍यान रखा जायेगा ।

    आरंभ
    जूनियर कांउसिल

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  5. बड़ा रोचक है।
    टिप्पणियों का पुनः प्रकाशन टिप्पणी लेखक की अनुमति ले कर ही करें, सर्वाधिकार टिप्पणी करने वाले के पास सुरक्षित है।
    इसके अनुसार तो टिप्पणीकार के पास काम ही नहीं बचेगा! :-)

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  6. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  7. अगर आप ने rss फीड को खुला रखा है तो कमेंट को कोई भी पुनेह प्रसारित करेगा । आप को कमेन्ट फीड को ब्लॉक करना होगा तो पुनेह प्रसारण नहीं होगा । हमारे या आपके लिखने से क्या होगा । हमारे ब्लोग पर लिखा है कोई अग्रीगेटर बिना हमारी अनुमति के इस का प्रसारण न करे। हमारा ब्लोग केवल चिट्ठाजगत पर प्रसारण के लिये उपलब्ध था पर उस पर आते ही नारद पर भी दिखने लागा और पूछने पर कहा गया RSS फीड बंद करे । और ब्लोग्वानी पर तो कमेन्ट का प्रसारण साथ साथ ही होता है ।
    आलोक संभव हो तो बताये मै कहा गलत हूँ ??

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  8. Rachna जी, आंशिक प्रसारण - हवाला मात्र देना - कड़ी के साथ - के लिए कोई आपत्ति नहीं है।

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  9. alok kya kuch vistar se batayege , please , itna sankshipt jawab samejh nahin aaya hae . thanks

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  10. वाहSSS बहुत बढ़िया… टिप्पणी नीति???
    :) :)

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  11. rachna जी,

    rachna जी ने ९-२-११ पर आलोक को हड़काते हुए पूछा कि यह नीति लागू कैसे करोगे। फिर आलोक के जवाब पर भी उन्होंने स्पष्टीकरण माँगा।


    इस प्रकार टिप्पणियों की चर्चा करना, उद्धरित करना व हवाला देने पर कोई आपत्ति नहीं है।
    लेकिन आपकी मूल टिप्पणी - या पूरी चर्चा की बिना अनुमति जस की तस नकलचिप्पी करने पर आपत्ति है।
    आशा है अब स्पष्ट होगा।

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  12. आलोक जी, पहले तो कृपया यह बताइये कि टिप्पणियों के बीच बहुत कुछ मुझे चीनी भाषा में क्यों दिख रहा है ।
    अब समस्या यह है कि मैं हूँ भुलक्कड़, अब यदि यह नीति भूलकर कोई गलती कर गई तो क्या क्षमादान मिलेगा ? भुलक्कड़पन का डॉक्टरी सर्टिफिकेट चलेगा ? या कुछ ऐसा हो सकता है कि मैं एडवांस में ही माफी माँग लूँ तो आप मेरी अप्रिय टिप्पणी को हटा देंगे । या फिर आप कोई खबरदार टाइप का चिन्ह झंडा आदि लगा लें ताकि याद आ जाए कि यहाँ बहुत फूँक फूँक कर कदम रखने हैं । या हम सब मिलकर किसी लाल झंडी जैसे चिन्ह पर एकमत हो सकते हैं ।
    कुछ तो रास्ता दिखाइये नहीं तो टिप्पणी करने का सारा भार समीर लाल जी के कन्धों पर आ पड़ेगा ।
    अति चिन्तित,
    घुघूती बासूती :(

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  13. आलोक जी,
    आप ठीक कह रहे हैं कि टिप्पणी पर कॉपीराइट टिप्पणीकार का होता है न कि उस चिट्ठाकार का जिसके चिट्ठे पर टिप्पणी की गयी है।
    कॉपीराइट सामग्री का प्रयोग भी, कुछ शर्तों के अन्दर, बिना अनुमति के किया जा सकता है। यह मैंने यहां बताया है। यदि वह इसके अन्दर आता है तो बिना अनुमति के प्रकाशन हो सकता है। यह अलग बात है कि कोई इस पर विवाद न करे।
    यहां यह भी महत्वपूर्ण है यदि किसी टिप्पणी में निन्दा है और वह किसी चिट्ठे पर प्रकाशित है तो वह चिट्ठकार भी उसके लिये जवाबदेह है।

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  14. mired mirage जी, टिप्पणियों के बीच चीनी नहीं जापानी है, क्योंकि हिन्दी नहीं चल रही थी। हिन्दी वापस आने का इन्तज़ार है ब्लॉगर पर।

    टिप्पणी लिखने वाले बक्से के ऊपर मैंने टिप्पणी नीति की कड़ी लगा दी है ताकि नये व्यक्ति टिप्पणी देते समय इस पर नज़र मार सकें।

    टिप्पणी मुझे अप्रिय लगे या प्रिय, छपेगी तो वह है ही। मिटेगी नहीं। हाँ टिप्पणी लेखक (यदि वह बेनामी न हो तो) अपनी टिप्पणी स्वयं हटा सकता है, जैसा कि आपने ऊपर देखा होगा, एक टिप्पणी टिप्पणी करने वाले द्वारा स्वयं ही हटाई गई है।

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  15. "हड़काते" meri tipaani kae bhav per bhi mera molik adhikar rehnae de aalok . mujeh aap ke is shabd se ghor aaptii hae . prashan puchnaa mansik rog kii nishani bhi hoti haen !!!

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  16. rachna जी, आजकल टिप्पणी के हवाले ऐसे ही भड़काऊ तरीके दिये जाते हैं, अतः मैं किसी भावी टिप्पणी विश्लेषक के तौर पर हड़काने वाला हवाला दे रहा था। :)
    पर आशा है इस उदाहरण से आपको आंशिक उद्धरण और हवाला देने की स्वीकार्य विधि के भाव स्पष्ट हो गए होंगे।

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