25.7.06
अन्धा क़ानून - डाक सूची में आमन्त्रण
एक नई डाक सूची क़ानूनी सलाह के लिए।
क़ानूनी सलाह की सबको ज़रूरत पड़ती है। क़ानूनगोओं का यहाँ स्वागत है। यदि आपकी कोई क़ानूनी समस्या हो - ज़मीन जायदात, व्यापार, अन्तर्जाल पर, या बतौर उपभोक्ता - हो सकता है कि आप वकील न हों, लेकिन वैसी ही स्थिति से गुज़र चुके हों। दी गई सलाह और उसपर अमल के नतीजे के लिए डाक सूची के सञ्चालक ज़िम्मेदार नहीं।
तो इन्तज़ार किस बात का है, मुफ़्त की सलाह दीजिए और लीजिए, लेकिन अपने जिम्मे पर।
http://groups.google.com/group/andhaqanoon
सगाई से विदाई तक
सञ्जय जी सगाई से विदाई तक नामक स्थल बना चुके हैं, लेकिन अभी सगाई हुई नहीं है, बात आगे बढ़ाने के लिए उन्हें लिखें।
24.7.06
तमिल में ऐडसेंस दिखा
आज शून्य से गुज़रते हुए दाईं तरफ़ मुझे तमिल में ऐडसेंस दिखा -
है न बढ़िया?
वैसे तमिल में लिखा है
तमिळ पुत्तकङ्गण
यानी शायद तमिल पुस्तकें?
पता नहीं आपको अब दिखे या नहीं, पर मुझे तो दिखा।
18.7.06
रेल टिकट बिक्री बन्द की जाएगी
18 जुलाई को रात बारह बजे से हिन्दुस्तान में सभी रेल टिकटें बेचना बन्द कर दिया जाएगा।
भारत सरकार के विश्लेषकों ने पाया है कि आतङ्कवादी रेलगाड़ियों में बमों के जरिए दहशत फैलाते हैं। अतः सभी रेल सेवा प्रदाताओं को निर्देश दिया गया है कि वे भारत के अन्दर रेल टिकट बेचना बन्द कर दें।
लेकिन, यदि वे रेलगाड़ियों के टिकटों को बस डिपो पर बेचें तो सरकार को कोई आपत्ति नहीं है।
ब्लॉगर के विकल्प
अब क्योंकि ब्लॉगर और ब्लॉग्स्पॉट पर कुछ तरह की रोक दिख रही है तो देखते हैं कि इसके विकल्प क्या हैं। खुशकिस्मती से मैं इससे प्रभावित नहीं हूँ - मेरा जाल सेवा प्रदाता या तो बहुत अक्लमन्द है या बहुत आलसी - पर देखते हैं कि क्या विकल्प हो सकते हैं।
ब्लॉग्स्पॉट पर जो लोग चिट्ठे लिखते हैं वे बिना किसी तामझाम के फ़ोकट में बस लिख पाएँ - वाली श्रेणी के लोग होते हैं, मेरी तरह।
सो यदि ब्लॉग्स्पॉट न चल रहा हो तो और कौन सी सुविधा है जो काम में आ सकती है?
इनमें से एक है लाइवजर्नल। आप यहाँ खाता खोल सकते हैं और तुरन्त लिखना शुरू कर सकते हैं। आपका लेखा कुछ ऐसा दिखेगा। फिर इसकी फ़ीड आप नारद पर भी प्रकाशित कर सकते हैं।
बाद में सुविधानुसार जिस चिट्ठे पर लिखने की इच्छा हो, लिखें।
15.7.06
ब्लॉग्स्पॉट में ऐसा धाँसूपना
एक टिप्पणी के जरिए पता चला कि लोगो ने ब्लॉग्स्पॉट पर ही कैसे धाँसू स्थल बनाए हैं और वह भी बङ्गाली में। मुबारक हो सोहाग भूइयाँ को।
8.7.06
एमएसएन हिन्दी में
तकनीकी खबरों का भण्डार शून्य बता रहा है कि माइक्रोसॉफ़्ट का पोर्टल एमएसएन अब हिन्दी में आ गया है -
http://msn.co.in/hindi -
मुबारक हो। पर इसमें कोई आरऍसऍस फ़ीड नहीं हैं। पता नहीं मूल ऍमऍसऍन में हैं कि नहीं। पर निश्चय ही यह एक शानदार खबर है।
5.7.06
कतई या क़तई?
3.7.06
व्याकरण और हिज्जे
कई लोगों की प्रविष्टियाँ पढ़ के कर लगा कि अरे दइया, मैं लिखने में इतनी ग़लतियाँ करता हूँ। शायद किसीने किसी ने टोका होता तो मैं इन्हें सुधार भी लेता।
सो आज से मीन मेख अभियान शुरू किया है, दूसरों के लिखे में ग़लतियाँ निकालने का, इस उम्मीद में कि लोग यही कड़वी दवा मुझे भी पिलाने को अग्रसर होंगे।
अब होते हैं नौ दो ग्यारह, हमें है अब दफ़्तर जाना।
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