- अभिनव, 16:58
- अभिनव, 18:07
- अभिनव, 19:47
- Cyril Gupta, 20:07
- नूर मोहम्मद खान, 07:57
30.10.07
ब्लॉगवाणी के चरित्र पर कुछ गंभीर बातें
यहाँ पर मैं सिलसिलेवार, पिछले कुछ दिनों में हुई घटनाओं के बारे में कुछ बताना चाहता हूँ। पूरी बात शुरू से बता रहा हूँ क्योंकि यह सार्वजनिक महत्व का विषय है। सार्वजनिक महत्व का विषय क्यों है, वह भी बताऊँगा।
१. चिट्ठाजगत-संकलक की एक नई सुविधा के ऊपर एक लेख छपा।
२. उस पर कुछ टिप्पणियाँ हुईं, वह भी ऐसे व्यक्तियों द्वारा, जो पहले कभी इस तरह की चर्चाओं में शामिल होते दिखे भी नहीं थे। आखिर १००० चिट्टे होने के बाद भी चिट्ठाजगत अभी बहुत बड़ा तो नहीं है। आश्चर्य हुआ कि यह सब लोग कौन हैं, और सभी एक ही राग कैसे अलाप रहे हैं।
28.10.07
आ गई मैशियत
नई डाक सूची - टेक्निकल हिंदी
हिंदी की वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली से संबंधित चर्चा के लिए डाक सूची।
क्यूँकि यह भारत सरकार के राजभाषा विभाग के बजाय अनुनाद जी द्वारा जनित व संचालित है, अतः इसके नौ दो ग्यारह होने के बजाय सफल होने की संभावना अधिक है :)
मूल घोषणा
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25.10.07
शीरमाल और टिप्पणी कूट
यूँ तो मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ पर कभी वहाँ रहा नहीं, इसलिए शीरमाल और बाकी रोटियों के बारे में कुछ खबर न थी। अगली बार जाने पर हाथ साफ़ करने हैं। वैसे टिप्पणी कूट के आधार पर एक अच्छा खासा विजेट बन सकता है।
वैसे पैंगो या गार्गी, पता नहीं किसमें, यह त्रुटि मिली है कि सन्देश को स्नदेश की तरह दिखाता है।
त्रुटि की पहली छवि
त्रुटि की दूसरी छवि
पिछले आठ घंटे की प्रविष्टियों पर टिप्पणी करने में पूरे दो घंटे लगे। दाद देता हूँ समीर लाल जी को, और होता हूँ नौ दो ग्यारह।
24.10.07
तेंदुआ आ रहा है
छोटा वीडियो (100 मेबा), बड़ा वीडियो या फिर यूट्यूब पर।
कल ही दो किलो सेब लाया था, मोहाली में सिक्सटेन नामक नई दुकान से। होता हूँ नौ दो ग्यारह, खाने जो हैं।
23.10.07
ज़ेडमैग
हिंदी में कई समाजशास्त्रियों के लेख। इनमें नोम चोम्स्की का एक लेख भी है, जो कि काफ़ी अच्छा है। वैसे भाषाविद् चोम्स्की ने यह खोज भी की थी कि लगभग सभी भाषाओं के मूल स्वर एक से ही हैं। इसके लिए कई भाषाओं के शब्दों को एक इलेक्ट्रानिक गागर में डाल के मिश्रित करने के बाद ध्वनियों का विश्लेषण किया गया था।
22.10.07
याहू मैश का न्यौता
कोई भेज सके तो कृपा होगी।
भेजने के बाद टिप्पणी चेंप दें ताकि बाकियों के न्यौतों की बचत हो।
फिर हम हो जाएँगे वहाँ नौ दो ग्यारह।
16.10.07
जोश मलीहाबादी के बाद जोश १८
जगदीश भाटिया बता रहे हैं कि सीएनबीसी ने जोश १८ शुरू किया है।
वैसे समाचार के पोर्टल इतने बासी बासी क्यों लगते हैं? हाँ, फ़ॉंण्ट को फान्ट लिखा है, और शेखचिल्ली की हिंदी ब्लॉग नाम से एक कड़ी भी है।
तो आप देखिए जोश अठारह पढ़ें और शेखचिल्ली को बधाई दें, गरमचाय का जमाव बहुत पसंद आया, मैं होता हूँ नौ दो ग्यारह।
7.10.07
बंगाली -> अंग्रेज़ी अनुवादक चाहिए
यदि आप करते हों, या जानते हों तो कृपया मेरे डाक पते पर संपर्क करें।
5.10.07
पाँच दिल एक जान
अभिनव
दिनेश शुक्ला
नूर मोहम्मद खान
सिरिल गुप्ता
या, एक जान, चार आई डी? चारों चिट्ठाजगत-संकलक के रोमन संस्करण पर ऐसे टूट पड़े कि इस जालस्थल के लिए यह स्ट्राइसैण्ड प्रभाव से कम नहीं था। साथ ही पाँचवी आईडी शिल्पा शर्मा जी भी कुछ कह देतीं तो सोने पर सुहागा हो जाता।
आप पाँचों का, या आप वास्तव में जितने भी हैं, इस निःशुल्क सेवा के लिए धन्यवाद। हम सोच रहे थे कि सब कुछ तैयार होने पर आधिकारिक चिट्ठे पर घोषणा करेंगे, लेकिन इसकी ज़रूरत ही नहीं पड़ी!
अब हम होते हैं नौ दो ग्यारह, लेकिन जाने के पहले एक बार फिर शुक्रिया!
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