6.12.09
ओर्कुट का नया रूप
15.11.09
सेब पर मलयालम
पहले कुछ इतिहास। सेब का इस्तेमाल करने वालों को अमूमन बंगाली, मलयालम, कन्नड़ अक्षरों के बजाय डब्बे ही दिखते हैं - कम से कम सेब १०.४ तक तो। आइए देखते हैं मुद्रलिपियों का कुछ इतिहास -
- मुद्रलिपियों की दुनिया में ट्रू-टाइप (टीटीऍफ़) का विकास सेब वालों ने किया था। इसे इस्तेमाल करने की इजाज़त माइक्रोसॉफ़्ट - विंडोज़ वालों - ने भी सेब वालों से ली।
- टाइप १ (पोस्ट स्क्रिप्ट) प्रारूप की मुद्रलिपियों का विकास अडोब बालों ने किया (वही पीडीएफ़ पाठक वाले)।
नतीजा यह हुआ कि माइक्रोसॉफ़्ट और अडोब ने पहले अलग अलग और फिर मिल के अपनी तकनीक को प्रोत्साहन दिया, उसे ट्रूटाइप ओपन - या ओपन टाइप कहा जाता था। आज की तारीख में आप जो रघु, मंगल, संस्कृत २००३, सुरेख आदि मुद्रलिपियों का इस्तेमाल करते हैं वे ओपन टाइप ही हैं। ये या तो .टीटीएफ़ होती हैं या .ओटीएफ़।
कुछ समय बाद माइक्रोसॉफ़्ट और अडोब ने ओपन टाइप को खुला मानक बनाने की पहल की - यानी केवल वे दो ही नहीं अपितु कोई भी उस मानक के आधार पर मुद्रलिपि बना सकता है और मान के आधार पर कोई भी संगठन मुद्रलिपि पर सही की मोहर लगा सकता है - इसके लिए केवल इन दो कंपनियों का मोहताज रहने की ज़रूरत नहीं।
नतीजा यह कि ओपनटाइप मुद्रलिपियों की बाढ़ सी आ गई। ध्यान दें कि केवल देवनागरी ही नहीं बल्कि रोमन में भी कई बेहतर किस्म के संयुक्ताक्षर - जैसे कि हस्तलेखन वाली मुद्रलिपियाँ - ओपनटाइप के जरिए बनाई जा सकती हैं।
लेकिन अब सेब वाले कहाँ रह गए? भई उनकी तकनीक तो उन्नत थी ही - शायद अब भी ओपनटाइप से बेहतर हो - जीएक्स टाइपोग्राफ़ी - जिसकी मालिकियत सेब के पास थी - अब तक एएटी - एप्पल एड्वांस्ड टाइपोग्राफ़ी - बन चुकी थी, और यह भी देवनागरी, अरबी संयुक्ताक्षर आदि प्रदर्शित करने की क्षमता रखती थी -लेकिन अब दो "मानक" हो गए - एक सेब का अपना - जो सिर्फ़ सेब पर ही चलता - और दूसरा ओपन टाइप - जिसका मुक्त मानक था, यह विंडोज़, लिनक्स आदि पर बखूबी चल रहा था।
यानी, जब तक आपके पास सेब के लिए एएटी वाली मुद्रलिपि न हो आपको देवनागरी/अरबी /मलयालम ठीक से नहीं दिखेगी।
इतिहास का पाठ समाप्त हुआ, अब वर्तमान में आते हैं।
अब अगर आपकी न सेब में दिलचस्पी हो और न ही मलयालम में फिर भी यह जानकारी काम की है।
काम की इसलिए कि मॅकमलयालम वालों ने विंडोज़ व लिनक्स पर चलने वाली ओपनटाइप मुद्रलिपियों को सेब पर चलाने के लिए परिवर्तित करने में सफलता पाई है।
इसीलिए तो लिनक्स और विंडोज़ वाली मलयालम मुद्रलिपियों में से एक, रचना मलयालम, अब सेब की आत्सुई (एटीएसयूई) - ऍप्प्ल टाइपोग्राफ़ी सर्विसेज़ फॉर यूनिकोड इमेजिंग में भी उपलब्ध है।
अर्थात् सरल शब्दों में - देवनागरी की यूनिकोडित मुद्रलिपियों को सेब में इस्तेमाल करने के लिए रास्ता साफ़ है। अब हम होते हैं नौ दो ग्यारह।
अगर आपके पास सेब है और मलयालम में भी दिलचस्पी है तो मॅकमलयालम का आनंद उठाएँ। अगर आप अपने विचरक की मलयालम जाँचना चाहें तो विकिपीडिया या ट्विटर के मलयालम हिस्सों को देख कर जाँचें।
कुछ भविष्य के बारे में।
सेब वाले भी अब धीरे धीरे ओपनटाइप को अपना रहे हैं। सेब १०.५ में अरबी प्रदर्शन के लिए ओपन टाइप मुद्रलिपियों का इस्तेमाल किया जा सकता है। संभव है कि सेब वाले कुछ मामलों में सीधे ओपन टाइप का ही इस्तेमाल करना पसंद करें - क्योंकि यह अब पका पकाया माल है, और इतनी सारी मुद्रलिपियाँ ओपन टाइप की पहले ही हैं।
दूसरी बात यह - जो वर्तमान के संदर्भ में कही - ओपन टाइप मुद्रलिपियों को एएटी में परिवर्तित करने का मार्ग प्रशस्त है - जैसे कि इस मलयालम मुद्रलिपि में। इसका भी लाभ सेब के प्रयोक्ता उठा पाएँगे।
सीख यह - उन्नत तकनीक पैदा करो, और फिर सही समय तक कमाई करने के बाद - दुह लेने के बाद उसे मानक बनने के लिए खुला छोड़ दो। नहीं छोड़ोगे तो कोई और बाजी मार ले सकता है। हमारी भारत सरकार ने इस्की के जरिए एक-बाइटीय उन्नत मुद्रलिपियाँ तो पैदा कीं, लेकिन उसे मुक्त मानक न बनाया - इससे भारतीय भाषाओं का संगणन आराम से १०-१५ साल पीछे हो गया - जब तक यूनिकोड न आया तब तक हमें अपने बिल में छिपा ही रहना पड़ा - पर चुगे हुए खेत का रोना न रोते हुए हम नौ दो ग्यारह होते हैं।
22.10.09
विकिस्रोत वालों की पीडीएफ़ में पंगे
विकिपीडिया वालों का ही प्रकल्प है विकिस्रोत - जहाँ पर आप किसी भी किताब का स्रोत - यानी मसाला - डाल सकते हैं और फिर उसे पीडीएफ़ या ओपनऑफ़िस प्रारूप में उतार सकते हैं।
उनके पीडीएफ़ बनाने वाले तंत्रांश में देवनागरी संयुक्ताक्षर ठीक से नहीं बनते हैं। इसका ब्यौरा दिया था, अब शायद ठीक करने का काम शुरू हो गया है।
पंगा mwlib नाम की लाइब्रेरी में है।
बढ़िया है। आशा है यह त्रुटि शीघ्र ही नौ दो ग्यारह होगी।
1.10.09
गूगल ऐप इंजन का मुख पृष्ठ हिन्दी में
15.8.09
12.8.09
ब्लैकबेरी में हिन्दी नहीं, काला बेर बना काला पत्थर
अपने अन्नदाता ने कुछ रोज़ पहले एक ब्लैकबेरी प्रदान किया है। काफ़ी दिलचस्प चीज़ है, जिसे दफ़्तर में काम नहीं करना सिर्फ़ चौधराहट ही दिखानी है उसके लिए दफ़्तर से कम नहीं है। लेकिन इसमें एक ही दिक्कत है - फ़ोन में हिन्दी प्रदर्शन के एवज में सिर्फ़ काले डब्बे दिखते हैं! इस लिहाज़ से देखा जाए तो आपने लिए यह काला बेर काले पत्थर के बराबर ही है।
चुनांचे मैं अपना नोकिया २६२६ भी रखा हुआ है ताकि चलते फ़िरते कतारों में खड़े शौक फ़रमाया जा सके। क्या करें, कुछ नवाबों को लौंडो का शौक होता है, और मेरे जैसे कुछ नाचीज़ किस्म के लोगों को कारखानों में बने सामान पर खड़खड़ाने का। देखा कि करुण वासुदेव कुछ खोजबीन कर रहे हैं इस बारे में। उम्मीद है नतीज़ा जल्द आएगा।
6.8.09
यूट्यूब अब हिन्दी में
ताज़ी खबर है कि गूगल का यूट्यूब अब हिन्दी में भी है।
उदाहरण के लिए, चंडीगढ़ से संबंधित वीडियो पाने के लिए आप जब यूट्यूब पर चंडीगढ़ की खोज करेंगे, तो आपको परिणाम हिन्दी में दिखेंगे -
अगर आपको यूट्यूब हिन्दी में न दिख रहा हो तो यूट्यूब के पते के आगे "?hl=hi" लगा दें, ऐसे:
http://youtube.com?hl=hi
तो देखिए मस्त गाना यूट्यूब पर, हम होते हैं नौ दो ग्यारह!
27.7.09
अहा, जियोसिटीज़, और लिनक्स परिचय, और ब्लॉगर
जियोसिटीज़ वालों से संदेसा आया कि बंद होने वाला है। जो इसके बारे में नहीं जानते हैं बस इतना ही समझ लें कि यह अपने ज़माने का ब्लॉग्स्पॉट था। अंतर्जाल पर मेरा सबसे पहला स्थल जियोसिटीज़ पर ही था।
बंद तो होने वाला है, साथ ही कुछ दिन पहले रवि रतलामी जी ने अपनी लिनक्स की किताब के संबंध में लिनक्स परिचय के बारे में पूछा तो ध्यान आया कि यह भी तो जियोसिटीज़ पर ही है। इसे भी सितंबर २००९ के पहले कहीं और सरकाना होगा।
वैसे लिनक्स परिचय एक स्वयंसेवी अनुवाद कार्यक्रम है, आप भी इसमें शामिल हो सकते हैं। आज के दिन यह पन्ना पूर्ण किया, काफ़ी समय से आधा अनुवादित था। अनुवाद संबंधी त्रुटियाँ अवश्य जानकारी में लाएँ, अग्रिम आभाऱ।
वैसे सोचता हूँ कि जियोसिटीज़ ऑर ब्लॉग्स्पॉट में एक वाक्य में फ़र्क बताना हो तो कैसे बताएँ? शायद ऐसे, कि जियोसिटीज़ में आदान प्रदान की इकाई एक फ़ाइल थी, जबकि ब्लॉगर में यह इकाई एक लेख है।
अब हम होते हैं नौ दे ग्यारह, आज की असली दुनिया में घुसने से पहले तलवारें पैनी करनी हैं।
22.6.09
ऍज़्यूर की जानकारी तमिळ में
बिल्लू भाई तमिळ सीख चुके हैं! यह जालनाद अंग्रेज़ी और तमिळ दोनो में है। ज़्यादा नहीं आती है और इस पर काम भी नहीं करता हूँ पर कोशिश रहेगी कि इसे देख/सुन सकूँ। २२ जून २००९ को चार बजे शाम को।
अपने तमिळ भाइयों और उनकी भाभियों को बताना न भूलिएगा
धत्तेरेकी! साले ब्लॉगर.कॉम का हरकारा ऐन वक़्त पर नौ दो ग्यारह हो गया, इसे सही समय पर छापा ही नहीं। भाइयों और भाभियों को माफ़ी। अब खुद छाप रहा हूँ, पर उम्मीद है कि ऐसे मौके और भी आते रहेंगे।
21.6.09
जाल पर हिन्दी - रोना धोना बंद करो आदरणीय शिक्षकों!
आज एक लेख पढ़ा जिससे लगा कि रोना धोना क्या हर भारतीय का कर्तव्य है? भाषाविद् महेंद्र जी का लेख इतना निराशावादी है कि लगता है भारत के तथाकथित अभिजात्य वर्ग ने यह युद्ध शुरू होने के पहले ही हार मान ली है। इस लेख में मुख्यतः तीन बातें कही गई हैं
- अंतर्जाल में हिंदी की सामग्री बहुत कम है
- नई पीढ़ी को हिंदी आती है पर देवनागरी नहीं
- हिंदी पढ़ने लिखने में तकनीकी समस्याएँ हैं
यह मानी हुई बात है कि अंग्रेज़ी में जाल पर सामग्री काफ़ी है, हिन्दी के मुकाबले। सो तो हैं, लेकिन इतना ही नहीं, किसी भी और भाषा के मुकाबले अंग्रेज़ी में जाल पर सामग्री काफ़ी ज़्यादा है। यहाँ बात अंग्रेज़ी बनाम हिन्दी की नहीं है, बल्कि अंतर्जाल में भाषाओं की विविधता की है। इसका कारण साफ़ है, क्योंकि अंतर्जाल पर किसी भी भाषा में सामग्री तैयार करने से किसी ने किसी को रोका नहीं है। सवाल यह है कि क्या आप अपने सामर्थ्य के अनुसार सामग्री पैदा कर रहे हैं? बगैर रोना धोना मचाए? अगर नहीं कर रहे हैं तो समस्या आपके साथ है, अंतर्जाल सबको बराबर मौका देता है।
लेखक कहते हैं कि उनकी पोती को हिंदी पढ़नी नहीं आती है। इसमें अंतर्जाल का कुछ दोष है क्या? केवल एक व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर यह कह देना कि देवनागरी लिपि मर रही है, क्या उचित है? मुझे तो नहीं लगता, मैं कई लोगों को जानता हूँ जो अमरीका में ही पैदा हुए हैं पर बहुत अच्छी देवनागरी पढ़ लिख लेते हैं, क्योंकि उन्हें वहाँ भी ऐसा माहौल और माता पिता मिले। लेखक जिस नई पीढ़ी की बात कर रहे हैं, वह बस बड़े शहरों और मध्यम शहरों में अंग्रेज़ी भाषाई शालाओं में पढ़ने वालों की बात है या विदेश में रहने वाले भारतीयों की बात है। यह वह लोग हैं जिन्हें वैसे ही अंग्रेज़ी में काफ़ी महारत हासिल है। लेकिन हिंदी के प्रयोक्ता केवल उन्ही तक सीमित नहीं है। यह बात समझना बहुत ज़रूरी है।
तकनीकी समस्या हिंदी लिखने पढ़ने की - दिन प्रति दिन कम होती जा रही है। हाँ इतना मानता हूँ कि पाठशालाओं में देवनागरी टंकन - इंस्क्रिप्ट पढ़ाया जाए तो एक पूरी पीढ़ी तर सकती है। पाठशाला वालने न पढ़ाएँ तो आप घर पर पढ़ाएँ। आपको कोई रोक नहीं रहा है।
नौ दो ग्यारह होने से पहले यही कहना चाहता हूँ कि चाहें जितना भी भाषण दे लो, घड़ा बूँद बूँद से ही भरता है। बूँदें चाहिए। भाषण और रोना धोना नहीं।
खबर २४ @khabar24
ट्विटर के जरिए पता चला @khabar24 - खबर चौबीसी के बारे में।
कह रहे हैं कि हमारे रिपोर्टर बन जाएँ।, मालिक हैं नेक्स्ट जेन टेक्नोराइट। आपको और कुछ पता हो तो बताएँ।
आप पढ़िए खबर चौबीसा, हम होते हैं नौ दो ग्यारह।
19.6.09
आईसीआईसीआई का सुप्रभात
यूँ तो आईसीआईसीआई से लगभग रोज ही एक चिट्ठी आ जाती है जिसे में तुरंत एक चटके में रद्दी की टोकरी में डाल देता हूँ, पर आज कुछ अलग ही था।
सुप्रभात - हिंदी में! चेतावनी - पीडीऍफ़ है।
अगर आप चाहें तो उन्हें धन्यवाद देने के लिए और प्रोत्साहित करने के लिए रिसर्च ऍट आईसीआईसीआईडायरेक्ट डॉट कॉम पर लिख सकते हैं।
18.6.09
सिल्पा
सिल्पा यानी संतोष तोट्टिङ्गल की स्वतंत्र इंडियन लैंग्वेज प्रोसेसिंग ऍप्लिकेशंस। बड़ा सोच समझ के सिल्पा नाम रखा है!
सारा माल पाइथन में हैं - साँप नहीं प्रोग्रामिंग भाषा पाइथन में। कोई नहीं, अपने को भी नहीं आती, पर आप और मैं यहाँ पर इसका परीक्षण कर सकते हैं जैसे कि क्रमांकन, लिप्यंतरण, भाषा अनुमानक और न जाने क्या क्या।
और अगर कुछ सही न चलता दिखे तो नौ दो ग्यारह होने से पहले संतोष को डाक भेज दें। यही तो मकसद था बताने का! http://smc.org.in/silpa
17.6.09
कॅरियर दिशा
4.6.09
ये ट्विटर क्या बला है? आप भी ट्वैटर्य को प्राप्त हों
1.6.09
आज की कारस्तानियाँ
- 22:33 सोने जा रहा है #
- 22:45 आज की कारस्तानियाँ is.gd/KMGr #devanaagarii #
- 08:29 RT @praveentrivedi हिन्दी चिट्ठाकारों का आर्थिक सर्वेक्षण : परिणामो पर एक नजर htxt.it/OsXc #
- 12:02 जनरल मोटर्स (वही स्पार्क वाली) का दीवाला निकलने जा रहा है bit.ly/Op3Rl #
- 16:24 अपने चिट्ठे को ट्विटर से जोड़ें bit.ly/15dBj4 #
31.5.09
आज की कारस्तानियाँ
- 08:16 404 RT @nuktachini crowdstatus.com/Hindicrowd.asp पर हिन्दी चहकारों की भीड़ जुटाने की कोशिश तो की पर यूनीकोड का रायता फैल गया #
- 08:21 चिट्ठे devanaagarii.net/hi/alok/blog/ के नए लेख चिट्ठाजगत द्वारा मेरे ट्विटर खाते में स्वतः छाप दिए जाएँगे twitter.chittha ... #
- 09:24 पिकासा में भाड़ा १० जीबी का बीस डॉलर सालाना है bit.ly/yd8I3 यानी फ़्लिकर सस्ता है #
- 19:53 नौय्डे पहुँच गया हवा खाने नीचे जा रहा हूँ #
- 19:55 आज की कारस्तानियाँ is.gd/KEmu #devanaagarii #
- 19:55 अब से अपने नौ दो ग्यारह के लेख सीधे.. is.gd/KEoV #devanaagarii #
अब से अपने नौ दो ग्यारह के लेख सीधे ट्विटर पर भी छपेंगे
30.5.09
आज की कारस्तानियाँ
- 14:40 दिल्ली आ के पता चलता है चंडीगड़ की महानता #
- 14:41 दिल्ली आ के पता चलती है चंडीगढ़ की महानता #
- 17:58 2009 में औसत कमाई 3000 है डालर का भाव 50 और मुद्रास्फीति गगनचुंबी। और औसत से सामाजिक विषमता पकड़ में नहीं आती #
- 21:22 2123 पे मेट्रो ले रहा हूँ @vipuljain व @amitgupta से मिलने #
- 21:28 शनिवार रात साढ़े नौ बजे भी खचाखच है लगता है दिल्ली वाले ठंडी हवा खाते गप्पें मारने घुस जाते हैं मेट्रो की चाँदी है #
28.5.09
आज की कारस्तानियाँ
- 22:26 RT @meeratank खेल www.notdoppler.com/files/pointer.swf #games #
27.5.09
आज की कारस्तानियाँ
- 22:42 RT @jasdeep @selfexile जो सुख चज्जू दे चुबारे ओ न बल्ख न बुखारे #
- 23:04 चंगी है RT @jagdish इस फोटू को @amitgupta ने खीँचा था #
- 23:32 ने घड़ी देखी और पाया कि हिन्दुस्तान में रात के ११३० बजे हैं और ऊँघने चला गया #
- 07:13 RT @shaaqT किसी गुमसुम झील के पानी से कोई मोती आकर गिरता है। एक दरिया बनने लगता है, और बढ़के भँवर बन जाता है #
- 07:13 @shaakT पानी से मोती? हाजमोला #
- 07:21 RT @chitthajagat दिल्ली के चरसी is.gd/FrDR #kalptaru #
- 07:29 RT @chitthajagat कौआ बहुत सयाना होता। कर्कश इसका गाना होता। पेड़ो की डाली पर रहता। सर्दी,गर्मी,वर्षा सहता। is.gd/FZQQ #
- 07:50 अब काम के लिए निकल रहा है #
- 21:19 इकनॉमिक टाइम्स हिन्दी @test_story के जरिए ट्विटर परीक्षण कर रहा है #
- 21:21 RT @Indiantwitter 14 साल तक रेप कर बेटी को बनाया चार बेटियों की मां: tinyurl.com/pxzhfp #
26.5.09
आज की कारस्तानियाँ
- 22:39 RT @Ghazalkar @nuktachini हिन्दी में ट्वीट करते हैं? इस ट्वाइब से जुड़ें twibes.com/hindi #
- 07:47 RT @chitthajagat सिर के बालों ने बनाया सरदार [बकलमखुद-85].. is.gd/E1W6 #shabdavali #
- 11:23 झूठ बोलने के नायाब तरीके सीखने हों तो किसी बड़ी कंपनी में भर्ती हो जाओ और मैनेजर लोगों के भाषण सुनो #
- 19:57 RT @aajtakhindi शेखर-शत्रुघ्न की जुबानी जंग bit.ly/4nIKJ और आज तक का स्वागत है ट्विटर में #
25.5.09
आज की कारस्तानियाँ
- 14:24 चंडीगढ़ दिल्ली रास्ते रेलें बंद #
- 20:12 RT @miyaamihir आख़िर हैदराबाद! नाकोई सुपरस्टार ना सुंदरी बस खेल जगमग खेल गिब्स की खूबसूरत बल्लेबज़ी और रोहितशर्माकी चौंध ऊपर से गिल्ली का जलवा #
- 20:25 RT @rcmishra अमेरिकन पिट वाइपर से मुलाकात bit.ly/ASxDR #
- 20:31 RT @Bhooshan के साथी को दिल का दौरा @alok जी हाँ। २४ साल की छोटी उम्र...बहुत दुखद समाचार हैं यह। #
- 20:32 RT @nuktachini @bbc_hindi आईला तूफ़ान! अभी धोंडू क्या करेगा? #
- 20:34 सही है बीड़ू @learnvim मस्त है #
- 21:33 अपनी भाषा की ताकत RT @nuktachini टीवी वाले अजीब हैं, मा***द कहा तो टूंSSS कर देते हैं पर मदर फ़*र बोलने पर कोई रोक टोक नहीं। #
24.5.09
आज की कारस्तानियाँ
- 08:51 RT @chitthajagat मुल्ला नसरुद्दीन का भाषण is.gd/COzK #hindizen #
- 09:05 RT @KishanGoyal एक जंतु का नाम है "GirlFriend" ये अक्सर "Boyfriend" के साथ पाई जाती है ! इनका पोस्टिक आहार "Boyfriend" का भेजा होता है ! #
- 09:09 बासी खबर है पर RT @tarakash यूट्यूब पर हुआ पोर्न फिल्मों का हमला tinyurl.com/opp3xb #
- 09:56 अब काम शुरू करते हैं #
- 11:08 RT @chittha @bbc_hindi साल में दो आईपीएल टूर्नामेंट की योजना tinyurl.com/o324kf कुछ ज़्यादा नहीं हो जाएगा? #
- 11:14 योमे पहली उड़ान RT @chitthajagat पहली उड़ान का जादू is.gd/CRcl #isibahane #
- 11:28 प्रोग्राम नहीं चल रहा - क्लास्नॉट्फ़ाउण्ड #
- 14:09 RT @bbc_hindi वायग्रा के जन्मदाता का निधन tinyurl.com/ojad5t @nuktachini ओह! आईये उनकी आत्मा की शांति की कामना करते हुये दो मिनट, खड़े #
- 16:26 RT @chitthajagat ट्विटरिया चर्चा : एक माइक्रो-ब्लॉगिंग.. is.gd/CS6r #chitthacharcha #
23.5.09
आज की कारस्तानियाँ
- 00:23 मेमोरियल डे - के होवे है? #
- 00:44 RT @chitthajagat दो बाल्टियों की कहानी is.gd/CqXl #hindizen #
- 07:53 खिड़कियाँ साफ़ करनी हैं कौलिन से #
- 10:10 खिड़कियाँ साफ़ करनी हैं कौलिन से #
- 10:15 4646464 में बैठा घर लौट रहा हूँ #
- 16:46 क्या मज़ाक है www.tweetdeck.com/beta/ में न हिंदी लिख सकते हैं न पढ़ सकते हैं #
- 17:02 RT @Indiantwitter अलीगढ़ : तालाब से मिले 50 नरकंकाल: tinyurl.com/qcubav #
- 17:16 RT @chitthajagat गांधी जी : सद-चरित्रता का महत्व is.gd/CEQO #primarykamaster #
- 17:36 RT @nuktachini @bbc_hindi "बीबीसी पाठकों की तस्वीरें" या "बीबीसी पाठकों द्वारा प्रेषित तस्वीरें"? कहीं वो बंदर आपका पाठक तो नहीं? :) #
13.5.09
आज की कारस्तानियाँ
- 13:04 करोल पर्वत की चढ़ाई picasaweb.google.com/alok.kumar/iFqjsK #
5.5.09
1.5.09
आज की कारस्तानियाँ
- 18:05 गर्मी बहुत है #
10.4.09
आज की कारस्तानियाँ
4.4.09
आज की कारस्तानियाँ
- 22:13 कैमरा, बैकपैक, जूते #
- 09:28 छुट्टी के काम शुरू #
- 09:53 फ़ाइंडिंग नीमो हिंदी वाली - अच्छी है। #फ़ाइंडिंगनीमो #
- 10:20 ओबामा ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया वाली की कच्ची की - वीडियो - www.youtube.com/watch?v=L-gP_ndHWkc #
- 11:35 RT @sdkrdk शरीर के अंग tinyurl.com/chalab #
- 13:14 गर्मी है और जुकाम भी कमाल है #
- 13:33 सोलारिस की जिंदगी में अब शायद दो दिन बचे हैं #
- 15:12 मनाली की बस 5 घंटे में चलेगी #
- 20:45 मनाली की बस चल पड़ी #
3.4.09
आज की कारस्तानियाँ
- 21:48 RT @vipuljain @twitter ने यूनीकोड अश्रर खाने वाली चिड़िया की शिकायत को कूड़े में फेंका - उनकी हिम्मत! कोई कड़ी? #
2.4.09
आज की कारस्तानियाँ
- 08:17 वाह ट्विटरिफ़िक तो मस्त निकला शुक्रिया @parthawasthi #
1.4.09
आज की कारस्तानियाँ
- 00:36 जीमेल पर नया क्या है? tinyurl.com/cpo9f9 #
- 00:47 RT सत्य वचन @Rajivd जिन्दगी जानने के लिए, जिन्दा रहना बहुत जरुरी है। #
- 21:18 मॅक वासियो! सबसे अच्छा ट्विटरिया कौन सा है? अभी www.tweet-r.com/ उतार रहा हूँ। #
- 21:22 www.hurl.ws/1iwn से छाप रहा हूँ पर इसमें तो देवनागरी ठीक से नहीं दिखती है #
31.3.09
आज की कारस्तानियाँ
- 11:32 आज की तारीख में बिजली का बिल जमा कराने के लिए दो घंटे लाइन में खड़े रहने से बड़ी बेवकूफ़ी क्या होगी? #
29.3.09
आज की कारस्तानियाँ
28.3.09
आज की कारस्तानियाँ
- 06:33 10 मिनट में सड़क पर #
- 08:28 करनाल में #
- 12:05 नौय्डे में #
- 13:57 तरबूज़ खा लिया #
- 16:57 दिनौडा पे #
- 17:08 मूलचंद पे जाम #
- 18:02 दिल्ली 15 #
- 19:38 पटेल नगर #
- 20:46 दुनिया में कुछ जगहों पर कभी बिजली नहीं जाती, वहाँ के लोग साल में एक घंटा बत्तियाँ बुझा देते हैं जैसे अपने यहाँ उपवास रखते हैं न #
27.3.09
आज की कारस्तानियाँ
- 08:34 विक्रमी संवत् २०६६ प्रारंभ होने पर सबको शुभकामनाएँ! #
- 19:21 यार महँगाई ०%? न आबादी कम हो रही है न उत्पादन बढ़ रहा है तो चक्कर क्या है? #
- 19:22 उत्पादन न बदले और लोग कम हो तो दाम गिरेंगे #
- 19:22 लोग बढ़ें पर उत्पादन पहले से ज़्यादा हो तो दाम गिरेंगे #
- 19:23 पर यहाँ क्या चल क्या रहा है? लगता है किसी ने गणित गलत की है #
- 19:30 हो सकता है लोग पैसे फूँकने के बजाय लॉकरों में सोना भर रहे हैं #
- 19:36 चीनी २५ रुपए किलो। मतलब चीनी की माँग में कोई कमी नहीं #
- 19:37 दाम किस चीज़ का कम हुआ? #
- 20:02 पैसे कम आ रहे हैं - यह कम ज़्यादा तो रिज़र्व बैंक के हाथ में है न #
- 20:22 महँगाई नापना हिंदुस्तान में RT @jagdish इस लेख में है सारी जानकारी is.gd/pfK4 #
- 20:26 खाना पीना, रुई, जूट, बीज, गन्ना, भूसा, लोहा लंगड़, कोयला, गैस, पेट्रोलियम, बिजली, कपड़े, धागा, लक्कड़ #
- 20:27 इन सारी चीज़ों का दाम नहीं बढ़ रहा है! वाह, विश्वास नहीं हो रहा #
- 20:27 ज़्यादातर कच्चा माल है #
- 20:27 मतलब जो इन्हें खरीद रहा है कम दाम पे वह दाम गिरा नहीं रहा अपने माल का #
- 20:33 RT @jagdish मंडी में कच्चा माल सस्ता. दुकान पर तैयार माल मंहगा। #
- 20:34 तभी मैं कहूँ हॉण्डा वाले १५ लाख की सीआरवी पे ३.५ लाख की रियायत कैसे दे रहे हैं अब कलई खुली #
26.3.09
आज की कारस्तानियाँ
- 08:23 RT @chitthajagat गणेश शंकर 'विद्यार्थी' का अद्भुत प्रताप is.gd/oZXl #
- 20:01 इस जंगल के पक्षियों में से किसी का घोंसला identi.ca/ पर भी है क्या? identi.ca/alok #
25.3.09
आज की कारस्तानियाँ
- 01:13 नैनो ले रहे हो? #
- 10:13 RT @chittha नैनो के गाने...नैनो में बदरा छाए.... नैनो की मत सुनियो... तेरी नैनो ने चोरी किया मेरा छोटा सा जिया.. :-) #
- 10:29 चल बेटा काम के लिए निकल #
- 12:04 ट्विटर के समोसे में हिंदी फिर ग़ायब :( #
- 14:14 पेट में गुड़ गुड़ #
22.3.09
आज की कारस्तानियाँ
- 22:45 जब से नाम बदला है ट्विटर मुझे कहता है, "Hi, आलोक के समोसे (alok)." :) #
- 11:37 RT @jagdisha मैं तुझसे दूर कैसा हुँ तू मुझसे दूर कैसी है ये मेरा दिल समझता है या तेरा दिल समझता है !!! #
- 12:06 इतवारी घूमना फिरना शुरू। आज काम धाम कुछ नहीं #
- 12:22 काठमंडू में बत्ती गुल अव विजुलीको काम मोवायल चार्ज गर्न मात्र RT @titopiromitho फेरि १६ घण्टा tinyurl.com/dlwt7w #
- 12:31 कांग्रेस सरकार की फट गई, आईपीऍल भारत के बाहर या चुनाव के बाद इसलिए भारत के बाहर tinyurl.com/d8q8on #
- 12:32 बच्चू देखना चुनाव के बाद क्या दाम बढ़ेंगे, अभी सब दबा के रखा है #
- 12:35 नैनो आएगी तो मोटरसाइकिलें घटेंगी tinyurl.com/cdw247 #
- 13:05 जिम्मा शाह का है कि वह नौकरशाह से काम कराए #
- 13:25 सिद्ध हुआ कि शाह हिजड़ा है। #
- 17:08 पृथ्वीराज ऐश करेगा तो दरबारी भी हाथ में ले के बैठेंगे, दोषी कौन राजा ही न? #
21.3.09
आज की कारस्तानियाँ
- 22:25 वैसे मेरे फ़ोन पे - नोकिया २६२६ - पर देवनागरी ग़ायब कर देता है ट्विटर। पहले नहीं करता था। शायद कभी ठीक चलता है कभी नहीं #
- 22:26 ट्विटर की त्रुटियों का ब्यौरा कहाँ दें? #
- 22:33 शुक्रिया - RT @vipuljain ने हिंदी के अक्षर खा जाने वाली ट्विटरी चिड़िया की शिकायत दर्ज कर दी है #
- 22:45 RT @jagdish 4-5 दिनोँ से ही गायब है #
- 23:02 आज मज़ा आया पर सोना है। कल छुट्टी नहीं है। विदा दोस्तों #
- 07:44 नवरोज़ मुबारक #
- 19:00 छुट्टी #
- 20:23 सेवंटीऍमऍम का समोसा आया है। किसी ने इस्तेमाल किया है? कैसा है? #
- 20:26 RT @p4poetry वक़्त सही है cli.gs/n9TrHu #
- 20:42 मस्त - १ जनवरी १९७० :) RT @chitthajagat 1970 में भी चिट्ठे लिखे जाते थे? is.gd/ojZf #
20.3.09
आज की कारस्तानियाँ
- 22:02 पीयूष मिश्रा - ज़बर्दस्त है #
- 12:45 काम नहीं है आज, अजीब बात है #
- 15:25 सरवना भवन का मालिक हत्यारा, जेल की सज़ा is.gd/oa1k #
19.3.09
आज की कारस्तानियाँ
- 20:14 इन्फ़ोसिस का नंदन निलेकनी जॉन स्टिवर्ट के डेले शो में - tinyurl.com/c9vroj #
- 20:22 RT @TrippySound नंदन निलेकनी रेडियो पे - अभी चल रहा है - tinyurl.com/clqs5u #
- 20:33 रेडियो वाला पका रहा है, नंदन गायब। बंद किया। #
18.3.09
आज की कारस्तानियाँ
- 22:22 ट्विटर मेरे मोबाइल में समोसे की देवनागरी खा जाता है यानी सिर्फ़ देवनागरी हो तो खाली समोसा - नोकिया २६२६ में #
- 22:43 अंदाज़ अपना अपना देखी डीवीडी पर - पिलान के मुताबिक, आईला #अंदाज़अपनाअपना #
- 07:39 लगता है अब ट्विटर ज़िंदगी का हिस्सा बन जाएगा - शायद अगला शगल आने तक #
- 07:43 किस्सा चावड़ी बाज़ार का tinyurl.com/cte92o #
- 07:55 वरुण गाँधी के पीछे क्यों पड़े हो बेमतलब tinyurl.com/d2tslt #
- 07:58 १९८५ का एक इतवार tinyurl.com/dhuezu #
- 07:59 "एक ज़माना था जब हम लोग सुबह उठते ही कंप्यूटर के आगे बैठ जाते थे" - सन् २०३५ #
- 08:02 मस्जिदों का शहर भोपाल tinyurl.com/dbcmhf #
- 08:03 नैनो के लिए ५०० रुपए जमा करा के लॉटरी का इंतज़ार करो tinyurl.com/dz38d3 #
- 12:44 सेंसेक्स ने नौ हज़ार टापा #
- 20:47 आज दस बजे गुलाल देखनी है #गुलाल #
- 21:17 RT (भारी है) @v4vikash मैं अनाहत नाद हूँ, मैं मौन का संवाद हूँ. मैंने जो नियम बनाये, उनका मैं अपवाद हूँ. #
- 21:25 डीऍनए - दैनिक भास्कर में ३५ उड़े #उड़े #
- 21:28 RT @bbc_hindi 'आडवाणी सबसे योग्य उम्मीदवार' bit.ly/x8iaj - कम से कम इश्तिहार छापने में तो है ही #चुनाव #
- 21:45 मैं चला सिनेमा देखने #
17.3.09
आज की कारस्तानियाँ
- 22:16 नवभारत टाइम्स वालों की तन्ख्वाहें कटीं @nixxin का लेख bit.ly/eZXEV #
- 22:57 लगता है गुलाल पे लोग लट्टू हैं #गुलाल #
- 08:15 नवाज़ शरीफ़ गिरफ़्तार नहीं बस धरा गया था #
- 20:25 उल्टे बाँस बरेली - १३बी जैसी हॉलीवुड वाले फ़िल्म बनाएँगे #१३बी #
- 20:38 समोसा == संक्षिप्त मोबाइल संदेश #
16.3.09
आज की कारस्तानियाँ
- 21:37 पर सुंदर है RT @nuktachini अब राज ठाकरे भी इंटरनेट पर, ज़ाहिर है साईट का हिन्दी संस्करण नहीं है। www.manase.org #
15.3.09
आज की कारस्तानियाँ
- 08:53 भासनिलि पे ट्विटर के समोसे नहीं चलते? #
- 09:38 चारों ओर शोर। ऊपर हवाई जहाज़, बगल में रेल, दाएँ कारीगर और सामने गुरद्वारा #
- 14:26 नवाज़ शरीफ़ गिरफ़्तार #
14.3.09
आज की कारस्तानियाँ
- 19:32 काश khanacademy.com बीस साल पहले होती #
- 20:43 नहीं नहीं काश khanacademy.org बीस साल पहले होती #
13.3.09
आज की कारस्तानियाँ
- 22:59 गर्मी शुरू और मच्छर भी। #
9.3.09
आज की कारस्तानियाँ
- 08:59 बिग बाजार में पुराने अखबार 25 रुपए किलो #
8.3.09
आज की कारस्तानियाँ
- 23:14 कर्म और होली - मत देखना #
- 08:30 गर्मियाँ शुरू, पंखे चालू हैं। #
- 15:02 बिग बाजार में #
- 17:23 होली के होले ले लिए हैं। #
7.3.09
आज की कारस्तानियाँ
28.2.09
आज की कारस्तानियाँ
- 22:11 एक और संपादक गिरफ़्तार। भावनाएँ बड़ी कोमल दीखे हैं tinyurl.com/bzxuan #
- 22:12 बच्चों के सवाल :) tinyurl.com/cud42v #
- 22:16 जीमेल बंद क्या हुआ साजिश वाजिश की बातें शुरू tinyurl.com/cbt9kb #
- 22:29 अब तेरे बिन जी लेंगे हम #आशिक़ी #
- 22:39 महँगाई डेढ़ साल में सबसे कम ३.३६% tinyurl.com/dnxms6 #
- 22:40 ये हाथ मुझे दे दो ठाकुर #शोले #
- 08:21 RT @chitthajagat मैंने क्यूँ ना देखा ? is.gd/l9LR #
- 08:31 RT @hkptunaa सूचना ज्ञान नहीं है tinyurl.com/bl625f #
- 08:39 ट्विटर की भाषा जापानी कर दी। जब तक हिंदी में आता है तब तक #
- 08:40 फ़िलहाल ट्विटर में सिर्फ़ अंग्रेज़ी और जापानी हैं #
- 08:40 यानी अब मुझे ट्विटर बिल्कुल वैसा दिख रहा है जैसा सिर्फ़ हिंदी जानने वाले को दिखेगा #
- 08:45 आजकल ज्ञान देना का मतलब ही अलग है "ही इज़ गिविंग हीज़ ज्ञान" #
- 13:45 RT @san2san इराक़ में जाके जम गये अंकल सैम जैसे बिना बात अफ़गानिस्तां का बज गया भय्या बैण्ड tinyurl.com/bgbcxa #गुलाल #
- 14:19 RT @ashwin चार फ़ोन के चौहत्तर टूल। फुल्टू भेजा फ्राई। #
- 14:37 डाकिए से रजिस्ट्री आनी है अभी तक आया ही नहीं घर पे #
- 14:41 यार ये #gsmc09 तो दिलचस्प लग रहा है। काश मैं बेंगलूर में होता #
- 14:44 बिग सिनेमाज़ की ऑन्लाइन बुकिंग कहाँ से होती है? #
- 14:46 विस स्मिथ की सेवेन पाउंड्स देखी है क्या? #
- 14:59 आज देखी जाएगी इमोसनल अत्याचार! #देवडी #
- 18:43 सारी दुनिया ६००० लोगों की मुट्ठी में है tinyurl.com/b6l9tg #
27.2.09
आज की कारस्तानियाँ
- 22:31 बॉबी जिंदल क्या पका रहा है tinyurl.com/bwh73m #
- 22:52 बहुत नाइंसाफ़ी है #शोले #
- 22:59 इस हफ़्ते इमोसनल अत्याचार देखनी है #
- 23:13 अगर हम बनाएं उनकी शक्लें? hindini.com/eswami/?p=219 #स्लमडॉगमिलयनेयर #
- 23:21 RT @chitthajagat सूरज की दुनिया से परिचित कराती.. zi.ma/875901 #
- 23:40 एक साइबरकैफ़े में घुसा तो पूरा भरा था, लोग खड़े भी थे पर एक सीट खाली। उसमें ऑर्कुट नहीं चलता था! #
- 23:58 एक तस्वीर दिल्ली ६ tinyurl.com/afsofx #दिल्ली६ #
- 00:03 नेपाल नरेश का महल अजायबघर बना tinyurl.com/cpr3af #
- 00:06 २००९ में आई टी खर्च सिर्फ़ ०.५% बढ़ेगा tinyurl.com/d78wck #
- 07:56 RT @memarathi शेजवान पोटॅटो tinyurl.com/cngg9g #
- 20:01 RT @chitthajagat फोटो वाली चिट्ठा चर्चा zi.ma/5aed18 #
- 20:24 दिन में गर्मी शाम को ठंडी हवा #
- 20:36 ऐतिहासिक दिन: १०० लोग मुझसे चिपके हैं #
- 21:46 फ़रवरी खत्म #
- 21:50 कसब के साथ मस्ती tinyurl.com/ag9hmz #
- 21:55 जापान में आईफ़ोन पर कोई थूकता भी नहीं hindi.infotech.economictimes.indiatimes.com/articleshow/4199892.cms #
- 21:57 नौकरी गई, शुक्र है शादी नहीं हुई थी tinyurl.com/dmcsgy #
26.2.09
आज की कारस्तानियाँ
- 21:05 शिव सेना - ऑर्कुट tinyurl.com/conkhs #
शिव सेना के खिलाफ़ ऑर्कुट समूह और क़ानूनी सवाल
बिना मुद्दे को सनसनीखेज बनाते हुए (देखिए शीर्षक ब्लॉग पर हुए बेकाबू) – समझते हैं कि यहाँ हुआ क्या है।
हुआ यह –
1. एक व्यक्ति ने ऑर्कुट पर एक समुदाय बनाया, "शिव सेना धर्म के आधार पर देश को बाँट रही है" या ऐसा कुछ।
2. इस समुदाय पर कई लोगों ने मंच पर टिप्पणियाँ की और चर्चाएँ की।
3. शिव सेना ने शिकायत की (शायद पुलिस को)
4. पुलिस ने "जन भावनाओं को चोट पहुँचाने" के आधार पर इस व्यक्ति के खिलाफ़ मामला दर्ज़ कर लिया। - धारा ५०६, २९५ए
5. चुनाँचे महाराष्ट्र उच्च न्यायालय ने समन जारी किया (या करने की सोची)
6. व्यक्ति ने मामला खारिज करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में अर्जी दी।
7. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा,
1. "यदि आप के ब्लॉग की सामग्री के आधार पर कोई मामला दर्ज करवाता है तो आपको मामले का सामना करना पड़ेगा। आपको अदालत के सामने अपनी सफ़ाई देनी होगी।"
2. तुम कंप्यूटर के विद्यार्थी हो, तुम्हें तो पता है कितने लोग यह सब रोज देखते हैं।
अब समझते हैं इस बात को।
1. ऑर्कुट का समुदाय कोई "ब्लॉग" नहीं है। हाँ आम-प्रयोक्ता-जनित-सामग्री है। चलिए मान लेते हैं कि आम-प्रयोक्ता-जनित सामग्री की ही बात हो रही है।
2. यह व्यक्ति कोई कंप्यूटर का विद्यार्थी नहीं होता तो क्या फ़ैसला अलग होता?
3. मैं बहुत से कंप्यूटर के विद्यार्थियों को जानता हूँ जो अंतर्जाल के अ तक को नहीं जानते।
मूलतः मुद्दा यहाँ इतना सा ही रहा –
क्या समुदाय का स्वामी यह जानता था कि उस चर्चा को बहुत से लोग पढ़ेंगे या नहीं? अगर जानता था तो उसकी जिम्मेदारी है। वरना शायद अदालत कुछ और फ़ैसला सुनाती।
काफ़ी सतही सी बात हो गई न यह तो। मेरे हिसाब से असली मुद्दा तो यह है –
1. किसी संस्था या व्यक्ति ने ऑर्कुट नाम की सुहूलियत दी है जहाँ पर ऐसे समुदाय बनाए जा सकते हैं। वह तो पाक-साफ़ बच गए। क्या वह "कंप्यूटर के विद्यार्थी" नहीं थे? क्या वह "जानते नहीं थे कि यह कितने लोग रोज देखते हैं"?
2. किसी सरकारी अफ़सर ने ऑर्कुट के स्वामी को भारत में धंधा करने की इजाज़त दी है। क्या वह "कंप्यूटर के विद्यार्थी" नहीं थे? क्या वह "जानते नहीं थे कि यह कितने लोग रोज देख" सकेंगे?
3. मान लें एक आम आदमी एक समुदाय – खुला मंच – खोलता है – जो चर्चा करनी है करो। क्या अब मंच स्वामी की ज़िम्मेदारी है कि हरेक व्यक्ति क्या क्या लिख रहा है? यहाँ तो एक मंच था, जिसका स्वामी जगजाहिर था। मान लें मंच बेनामी हैं और हज़ारों हैं, और लेख भी लाखों में हैं, फिर क्या? क्या मंच का स्वामी ज़िम्मेदार है? अगर है, तो इस मामले में ऑर्कुट स्वामी कैसे बच निकला?
4. "जन भावनाओं को चोट पहुँचाने" वाली बात – इस दुनिया में ऐसी कौन सी बात है जो दुनिया में किसी न किसी को चोट नहीं पहुँचाती? इस आधार पर आप मामले दर्ज करेंगे तो बचा क्या, घुइया?
5. क्या न्यायालय के फ़ैसले के ऊपर चर्चा करना क़ानूनी रूप से हिंदुस्तान में वाजिब है?
6. क्या भारत में वास्तव में स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति है?
खुले सवाल हैं। आपकी राय क्या है? अपनी टिप्पणियों के लिए आप स्वयं जिम्मेवार हैं, मैं नहीं। ऊपर जो मैंने लिखा है उसके लिए मैं पूरी तरह जिम्मेवार हूँ। J
मेरी राय अगले लेख में।
--
25.2.09
आज की कारस्तानियाँ
- 22:35 வணக்கம் वणक्कम् #
- 22:47 शब्द - बनाने से ज़्यादा ज़रूरी है इस्तेमाल करना। सही गलत की बात नहीं है प्रचलन की है। #
- 08:29 गर्मियाँ शुरू ढकोली में #चंडीगढ़ #
- 08:30 फूलो फलो #दोस्ताना #
24.2.09
आज की कारस्तानियाँ
- 11:05 परेशान #
- 12:17 आज hi.splitweet.com/ मिला @spilltweet की बदौलत #
- 12:18 hi.spilltweet.com का अनुवाद शायद @nuktachini ने किया है #
- 12:24 आजमा रहा हूँ, #शोले - पूरे पचास हज़ार। #
- 12:24 फिर से आजमा रहा हूँ - #sholay - पूरे पचास हज़ार। #
- 12:59 जूलिया रॉबर्टे्स ने कौन सी @HindiMovies की हैं भाई(/बहन)? #
- 13:33 सूरदास को टपके सालों हो गए, kavitakosh.org वाले कह रहे हैं उनका कॉपीराइट अभी भी बरकरार है! #
- 13:50 मज़ेदार बात - @indianrailinfo के नाम से कुछ भी छापो - hindi.indiarailinfo.com/blog (नया नोट लिखिए हिन्दी में) #
- 13:52 कितने आदमी थे? #शोले #
- 13:56 देवनागरी की #चिप्पियाँ नहीं चलती हैं? क्या #देवनागरी #
- 14:10 हिन्दी वाला सब-रेडिट www.reddit.com/r/hindi #
- 14:12 मज़ेदार बात - @indiarailinfo के नाम से कुछ भी छापो - hindi.indiarailinfo.com/blog #
- 14:23 हेमा आज भी ईशा से बेहतर - newsinhindi.freshnews.in/?p=21042 #
- 14:46 एक कॉफ़ी और पीनी पड़ेगी #
- 16:33 जाने वो कैसे लोग थे जिनके प्यार को प्यार मिला #प्यासा #
- 16:49 अब चाय पीने जा रहा हूँ #
- 17:51 बहुत याराना लगता है #शोले #
- 17:58 अरे नहीं, मेरे पास माँ है #दीवार :) #
- 18:03 तो @shahrukh_khan क..क..क..कलरव कर रहा है #
- 18:57 अगला कलरव तमिळ में #
14.2.09
आज की कारस्तानियाँ
- 22:17 तिल के लड्डू खा डाले #
31.1.09
जावा में हिन्दी चलती है
हाँ भई हाँ।
public class Welcome {
public static void main(String[] args) {
String[] स्वागत = new String[3];
स्वागत[0] = "जावा में आपका स्वागत है!";
स्वागत[1] = "आलोक द्वारा";
स्वागत[2] = "हिन्दी में";
for (int i = 0; i < स्वागत.length; ++i)
{
System.out.println(स्वागत[i]);
}
}
}
पर थोड़े से घच्चे हैं, मैंने int i के बदले int क करने की कोशिश की तो इक्लिप्स बैठ गया। शायद यह इक्लिप्स की त्रुटि हो। इसके अलावा क्लास का नाम Welcome के बजाय स्वागतम् करने पर भी दिक्कत आई। खोजबीन जारी है।
30.1.09
29.1.09
ऑन्लाइन समुदायों में बद्तमीज़ी - कारण और निदान
मेरी एक प्रिय मित्र किरण के साथ इस बारे में पहले भी बात हो चुकी थी, मैं हिंदी की दुनिया में इस से परेशान था और वह तेलुगु में। तो अंततः किरण के अनुरोध पर लिख रहा हूँ, हो सकता है औरों के भी काम में यह आए। अफ़सोस कि मेरी तेलुगु इतनी अच्छी नहीं है इसलिए हिंदी में ही लिख रहा हूँ।
इस लेख का प्रारूप एक सवाल जवाब के तौर पर है, तो पढ़िए और फिर अपने विचार भी सामने रखिए।
मेरा एक चिट्ठा है और उस पर मैं जब भी कुछ लिखता हूँ तो लोग बेहूदी, गंदी टिप्पणियाँ करते हैं। मन करता है कि अपना चिट्ठा बंद कर दूँ। क्या करूँ?
आपकी समस्य बहुत आम समस्या है, पर घबराइए नहीं इसका निदान है। सबसे पहले यह देखिए कि क्या आपने जो लिखा है वह आपत्तिजनक तो नहीं? क्या उसमें कोई ऐसी चीज़ है जो आप किसी के घर की बैठक में बैठ के नहीं बोल सकेंगे? यह हुई पहली बात।
दूसरी बात, आपके विचारों पर टिप्पणी हो रही है या आप पर? दोनो में फ़र्क करें। केवल विचारों पर की टिप्पणी पर ध्यान दें और आप के ऊपर की टिप्पणी को नज़रंदाज़ करें। यह भी ध्यान दें कि आपके विचारों से असहमति का मतलब यह नहीं है कि आपके साथ बदतमीज़ी की जा रही है। तर्कों और ठोस जानकारी के आधार पर अपने विचारों और विपरीत विचारों की तुलना करके प्रतिक्रिया करें। आप पाएँगे कि "लिखना छोड़ देता हूँ" जैसे विचार आपके पास आने कम हो जाएँगे और लोगों की प्रतिक्रियाओं का आप स्वागत करना शुरू कर देंगे।
तीसरी बात, अपने पाठकों को आदरपूर्वक कहिए कि टिप्पणियाँ यह सोच के करें कि आप मेरे घर की बैठक में मुझसे मिलने आए हैं और बात कर रहे हैं। आप पाएँगे कि बेहूदी टिप्पणियों की संख्या ८० फ़ीसदी कम हो गई है।
मैं एक डाक सूची का सदस्य हूँ और वहाँ पर मैं जब भी कोई सवाल पूछता हूँ तो लोग मेरा मज़ाक उड़ाते हैं। क्या करूँ?
तो उड़ाने दें। उन्हें धन्यवाद दें, और कहें कि मुझे अपने सवाल का जवाब अभी भी नहीं मिला है, यदि कोई और दे सकता है तो कृपा होगी। आप पाएँगे कि धीरे धीरे डाक सूची का माहौल बदल गया है।
मेरी डाक सूची हिंदी/तेलुगु में है पर लोग अंग्रेज़ी में लिखते हैं। ज़रूरी नहीं कि सबको अंग्रेज़ी समझ आए। ऐसे लोगों पर मुझे बहुत गुस्सा आता है। क्या करूँ?
ऐसे लेखों को नज़रंदाज़ कर दें। कुछ लोग दुनिया में अब भी ऐसे हैं जो समझते हैं कि हिंदी या तेलुगु में लिख कर वे दुनिया पर अहसान कर रहे हैं और अंग्रेज़ी सबको आती है, नज़रंदाज़ करना ही सबसे सरल तरीका है। साथ ही प्रत्येक अंग्रेज़ी में लिखे संदेश के एवज में आप दो चार संदेश तेलुगु/हिंदी में भेजें। यही आपका प्रतिशोध है।
मैं एक ऑन्लाइन समुदाय (मंच, संकलक, डाक सूची) का संचालक हूँ। मुझे ऐसा लगता है कि कुछ लोग सिर्फ़ लड़ाई करने, गाली गलौज करने ही जाल पर आते हैं। क्या किया जाए?
ऐसे लोगों को किसी अच्छे कार्य में लगाने के लिए प्रेरित करें, जैसे कि अनुवाद कार्य, विकिपीडिया में योगदान या किसी बड़ी पुस्तक आदि को ऑन्लाइन प्रकाशित करना। इस प्रकार का व्यवहार यही दर्शाता है कि लोगों को दूसरों के साथ मिल-जुल कर ही संतुष्टि मिलती है, फिर उसके लिए गाली ही क्यों न देनी पड़े। इस संतुष्टि को दूसरी तरह से प्रदान करें, ताकि लोगों को अपने कार्यों से संतुष्टि मिले। इसका एक बहुत अच्छा उदाहरण है तमिळ ऑन्लाइन जगत् जिसने बहुत अच्छे अच्छे काम किए हैं। यह भी सोचिए कि आप खुद किसलिए अंतर्जाल पर आते हैं। क्या आपके सामने कोई लक्ष्य हैं?
बस इतना ही। आशा है तेलुगु अनुवाद सरलता से हो जाएगा। अब हम होते हैं नौ दो ग्यारह। आपको कुछ और जोड़ना हो तो टिप्पणियों में कहिएगा। शब्बा खैर।
25.1.09
आज की कारस्तानियाँ
- 12:14 ऑन्लाइन फ़्लो चार्ट बनाने की कोशिश कर रहा हूँ #
24.1.09
आज की कारस्तानियाँ
- 15:39 अंगूर खा रहा हूँ, हरे और काले #
हाई फ़ाइव वाले हिंदी में शुरू
वैसे तो इन हाई-फ़ाइव वालों से मैं बहुत परेशान ही हूँ क्योंकि जान न पहचान वाले हिसाब से खाता खोलने के संदेसे आते रहते हैं, लेकिन आज तो गज़ब हो गया, जब हिंदी में संदेसा आया -
तो पता चला कि इन्होंने वाकई सब कुछ हिंदी में कर रखा है। मज़ा आ गया।
19.1.09
यूँ खत्म हुई चालान की कहानी
एक महीने पहले कटे चालान का सिलसिला आज खत्म हुआ।
यूँ गुज़रा यह खात्मा –
१. तारीख थी १७ जनवरी २००९ की – शनिवार की – शनिवार को कचहरी गया तो कहा कि सोमवार को आओ। पेट्रोल फुँका।
२. आज, यानी सोमवार, सुबह दस बजे कचहरी पहुँच गया। चालान की पर्ची मुझसे ले ली गई। कहा बारह बजे आओ।
३. बारह बजे एक जगह दस्तखत करने को कहा गया। कर दिया।
४. १२२० पर मैजिस्ट्रेट ने बुलाया और सौ रुपए का जुर्माना लिया।
५. १२२५ पर दस्तावेज़ वापस मिल गए। कहानी खत्म।
मेरा कुल खर्चा –
१. पैसे – १०० रुपए, और दो बार कचहरी आना जाना – कुल २२० रुपए।
२. वक़्त – ४ घंटे।
सरकार का खर्चा –
१. एक अदद पुलिसवाले द्वारा चालान की पर्ची अदालत भेजना – कुछ ३० मिनट।
२. एक अदद क्लर्क द्वारा चालान की पर्ची को एक किताब में दर्ज करना – कुछ ३० मिनट ।
३. एक अदद मैजिस्ट्रेट द्वारा सुनवाई – कुछ १० मिनट।
४. एक अदद क्लर्क द्वारा गाड़ी के दस्तावेज़ वापस करना – कुछ १५ मिनट।
५. आमदनी – सौ रुपए।
मुझे तो गुनाह की सज़ा मिलनी ही चाहिए थी, पर सरकार फालतू में पिस गई।
वैसे कचहरी में इत्ता सारा कागज़ देख के वहाँ से फ़टाफ़ट नौ दो ग्यारह होने का मन कर रहा था।
अंत भला सो भला।