29.7.05

फ़ोकट के विलायती बैरिस्टर

सामुदायिक क़ानूनी सेवा डायरेक्ट - इनका सेवा कोष भी है। बरतानिया में कभी कानूनी दिक्कत हो तो पहले 0845 345 4 345 मिला के मुफ़्त सलाह लें। शायद वे आपको कुछ पैसे भी थमा दें।

26.7.05

खुल गया भेद

लेकिन उन दिनों इनकी ज़ुबान से हिंदी शायद ही कभी निकलती थी, अंग्रेज़ी मीडिया के पत्रकार थे और नामीगिरामी अंग्रेज़ी स्कूलों में शिक्षा पूरी की थी. वही पत्रकार धड़ल्ले से तो नहीं लेकिन अच्छी तरह समझ में आ जानेवाली हिंदी बोल रहे थे. मैने अपने एक पुराने संपादक से पूछा कि हिंदी अचानक इतनी फ़ैशनेबल कैसे हो गई.
क्यों? किसीने पन्द्रह साल पहले सोचा था कि ऐसा होगा? और यही हिन्दी के जालस्थलों के साथ भी होगा।

19.7.05

गुमशुदा की तलाश

याद है, हर रोज 6:55 को दूरदर्शन पर खोए हुए व्यक्तियों की सूचना आती थी? उद्घोषिका मुस्कुरा के कहती थी, 'आइए अब आपको खोए हुए व्यक्तियों की सूचना दे दें?' फिर किसी ने शिकायत की कि मुस्कुरा के क्यों बोल रही हैं, तो सञ्जीदा हो के घोषणा होने लगी थी। दो करोड़ पचास लाख पाइए: बिन लादेन, ऐमान अल ज़वाहिरी,अबू मसाब अल ज़रक़ावी, पचास लाख डॉलर पाइए: हबीस अब्दुल्ला अल साउब, सैफ़ अल आदेल, अब्दुल्लाह अहमद अब्दुल्लाह, अहमद मोहम्मद हामिद अली, अनस अल लिबी, मुहसिन मूसा मतवाल्ली अतवाह, फ़ाहिद मोहम्मद अल्ली म्सलाम, मुस्तफ़ा सेतमारियम नासर मुफ़्त में पकड़ाइए - ऐडम याहिये गदाहन और अन्त में, ऊपर वाली पट्टी की हिन्दी ठीक करने के लिए मेरी ओर से पाँच डॉलर इनाम। चिट्ठी लिख दी है

18.7.05

नवनीत बक्शी

सिलेक्शन - कविता तो पढ़ ली, पर समझ नहीं आई। असाहित्यिक जो ठहरा। आलोकित करेंगे?

6.7.05

मॉडम नहीं चल रहा

फ़ेडोरा कोर 4 पे मेरा डायलप मॉडम नहीं चल रहा है। kudzu की मदद से खुजली की लेकिन फिर भी कोई असर नहीं। /dev/ttyS0 को मानता ही नहीं है। रेड हॅट 8 में झकास चल रहा था। हर बार कुछ न कुछ तो होता ही है।

4.7.05

मैसूर - बढ़िया है

सर्वविदित हो कि अब मैसूर का वृन्दावन गार्डन और भी बढ़िया हो गया है। ताज़े हिन्दी गानों की धुन पे झरने, झकास हैं, सबसे बढ़िया था, कोई कहे पे। और यह रहा श्रीरङ्गपट्टना में रङ्गनाथ मन्दिर के निकट खड़ा सुन्दर रथ। रङ्गनाथ मन्दिर के पास रथ