16.3.06

कड़क खबरें

राजनीतिक खबरों व उनका विश्लेषण आपको यहाँ मिलेगा। खबरों के साथ साथ खबरों पर छींटाकसी करने की भी सुविधा। यानी कि लेखकों व आलोचकों से सीधा संवाद। उम्मीद है कि यह लगातार बना रहेगा, अक्सर देखते हैं कि हिन्दी विभाग चुपचाप गायब हो जाते हैं। मैंने एक टिप्पणी छाप दी है, ठीक आई है। अन्तरापृष्ठ साफ़ सुथरा है, पसन्द आया, लेकिन लगता है ज़्यादातर लेख अनुवादित हैं।

9.3.06

विकीमीडिया कॉमंस

ये स्थल है ऐसी सामग्री का जो कि विकीपीडिया व उसकी भगिनी परियोजनाओं के काम आ सके। यानी कि तस्वीरें, वीडियो आदि। पर अभी इसकी शुरुआत ही हुई है। जैसे जैसे यहाँ सामग्री बढ़ती जाएगी, विकीपीडिया परियोजना कॉमंस से सामान उठाती जा सकती है। इसी प्रकार कोई भी स्थल जो ग्नू मुक्त प्रलेखन अनुमति पत्र के तहत हो - इसका लाभ उठा सकेगा।

8.3.06

इण्डिया वर्ल्ड

यहाँ पर पहुँचा इस काका हाथरसी वाली कड़ी के जरिए - जो मुझे ई चर्चा से मिली। अब होली आ रही है तो काका हाथरसी की बात करना उपयुक्त ही है। उनका असली नाम प्रभुनाथ गर्ग है। यहाँ पर इनकी कई और रचनाएँ भी मौजूद हैं।

7.3.06

w3c इण्डिया

वाह। अच्छा खासा जाल स्थल बना डाला है। लगता है इसमें सीडॅक का हाथ है। वैसे मुझे इस स्थल का खुला जमाव बहुत अच्छा लगता है - फैले हुए, दूर दूर स्थित अक्षर, पढ़ने में कोई दिक्कत नहीं आती।

6.3.06

हिन्दी ऑन्लाइन पत्रकारिता की कार्यशाला - इन्दौर, 6 मार्च

कोई इन्दौर वाले जानते हों तो बताएँ। इसके अलावा भोपाल और दिल्ली में भी हैं। विद्यार्थियों को लेख लिखने को कहा जाएगा जो कि बीबीसी पर छपेंगे। देखते हैं क्या लिखते हैं। साथ ही पता चला कि बीबीसी और वेबदुनिया नें टाँका भिड़ाया हुआ है, वह भी 2002 से।

शराफ़त दिसम्बर में अटक गई?

समाचार स्थल बनाना बच्चों का खेल नहीं। ऐसा लगता है कि रायपुर में शराफ़त दिसम्बर में समाप्त हो गई। जाल पर एक दिन बासी खबर भी महाबासी मानी जाती है, यहाँ ये पन्ना पिछले दो महीनों से जस का तस है। पर उम्मीद है कि जल्दी ही आगे काम होगा, वैसे भी यूनिकोडित समाचार स्थलों की कमी है। वैसे रायपुर में मैं 1995 में तीन महीने था। वहाँ के रायपुर टुडे के बारे में भी मैं पहले चर्चा कर चुका हूँ, और छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल को देख के लगता है कि छत्तीसगढ़ और रायपुर यूनिकोडित होने में काफ़ी आगे चल रहा है।

2.3.06

है, लेकिन असली माल नहीं

हिन्दिनी बता रही हैं कि चार सौ टके में ऍक्स पी बिकने वाला है। पर सम्भवतः इस स्टार्टर ऍडिशन में बहुत सी चीज़ें गोल होंगी। जब विण्डोज़ ऍक्स पी होम ही कई चीज़ें चला के नहीं देता तो इस चार सौ टके वाले संस्करण की क्या काबिलियत होगी। हाँ यह है कि सौ टके की सीडी कटवाने के बजाय शायद लोग इसे लेना शुरू कर दें।

1.3.06

गड़बड़

हो

गई

ये

नारद

में

कैसा

लगेगा?