25.10.07
शीरमाल और टिप्पणी कूट
यूँ तो मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ पर कभी वहाँ रहा नहीं, इसलिए शीरमाल और बाकी रोटियों के बारे में कुछ खबर न थी। अगली बार जाने पर हाथ साफ़ करने हैं। वैसे टिप्पणी कूट के आधार पर एक अच्छा खासा विजेट बन सकता है।
वैसे पैंगो या गार्गी, पता नहीं किसमें, यह त्रुटि मिली है कि सन्देश को स्नदेश की तरह दिखाता है।
त्रुटि की पहली छवि
त्रुटि की दूसरी छवि
पिछले आठ घंटे की प्रविष्टियों पर टिप्पणी करने में पूरे दो घंटे लगे। दाद देता हूँ समीर लाल जी को, और होता हूँ नौ दो ग्यारह।
3 टिप्पणियां:
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आलोक जी,
जवाब देंहटाएंआपने हिन्द-युग्म के काव्य-पल्लवन में कमेंट करके यह जानना चाहा है कि वहाँ लाल-नीली पट्टी कैसे लगी है तो यह बहुत आसान है, हमने एक जीआईएफ़ फ़ाइल का इस्तेमाल करके ऐसा किया है। आप भी आजमायें।
आपकी मेल आईडी उपलब्ध न होने के कारण यहाँ उत्तर दे रहा हूँ।
शैलेश जी, जानकारी के लिए शुक्रिया।
जवाब देंहटाएंaglee baar lucknow kab aa rhe hain? ham sheermaal liye huye intzaar karen .
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