13.12.03

वर्णमाला, संयुक्ताक्षरों के साथ

ज़रूरत है एक बारहखड़ी की, जिसमें सभी संयुक्ताक्षर, उनके सभी रूपों के साथ हों। अक्सर लोग पूछते हैं कि किसी भी हिन्दी मुद्रलिपि में कम से कम कितने संयुक्ताक्षर होने चाहिए। लेकिन उन्हें जवाब नहीं मिल पाता। दूसरा सवाल होता है कि इस संयुक्ताक्षर में कौन कौन से अक्षर हैं? और तीसरा यह कि यह संयुक्ताक्षर मराठी में भी चलेगा क्या, नेपाली में भी चलेगा क्या आदि। तो इस टण्टे को खत्म करते हुए एक संयुक्ताक्षरों की चैत्रिक सूची, वर्णनों के साथ बना दी जाए। इसमें क्या क्या होगा? अङ्क, ० से ९ स्वर सादे अक्षर, जैसे क्, ख् व्यञ्जन, मात्राओं के साथ, जैसे कि कै संयुक्ताक्षर, दो अक्षर वाले जैसे क्त्, ल्र् संयुक्ताक्षर, दो अक्षर वाले, मात्राओं के साथ जैसे क्तौ भ्रो संयुक्ताक्षर, तीन अक्षर वाले जैसे स्त्र्, क्ल्य् संयुक्ताक्षर, तीन अक्षर वाले जैसे स्त्र, क्ल्य संयुक्ताक्षर, तीन अक्षर वाले, मात्राओं के साथ जैसे स्त्री, क्ल्यो संयुक्ताक्षर, चार अक्षर वाले, जैसे र्ष्ठ्य्, क्स्प्ल संयुक्ताक्षर, चार अक्षर वाले, मात्राओं के साथ जैसे र्ष्ठ्यै, क्स्प्लो संयुक्ताक्षर, पाँच अक्षर वाले? अभी सोचा नहीं उतना। काफ़ी समय लगेगा इनमें लेकिन यह करने लायक चीज़ है। इसके बाद यह निर्णीत करना होगा कि हर भाषा के लिए कौन से संयुक्ताक्षर अनिवार्या हैं, कौन से वाञ्छित हैं, और कौन से अस्वीकार्य हैं। इतना ही नहीं, संयुक्ताक्षर का कौन सा रूप प्रचलित है, यानी कि एक ही संयुक्ताक्षर के हरेक रूप का वर्णन होगा। तो होते हैं नौ दै ग्यारह यह काम करने का लिए।

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