अभी अभी यह फ़िल्म देखी। बढ़िया है। इसे देख के याद आ गई 'ये वो मञ्ज़िल तो न थी' की। देखी है? पङ्कज कपूर, व अन्य कलाकार, 80 के दशक की कला फ़िल्मों में से एक। हाँ, अमेरिकन गन व इस फ़िल्म की विषय वस्तु अलग है, लेकिन दोनो ही अलग अलग तरह से आन्तरिक ग्लानि का विश्लेषण करते हैं।
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