20.6.05
सुकून
वापस लिनक्स पर, सवा साल बाद।
ज़्यादा पापड़ नहीं बेलने पड़े -
फ़ॅडोरा कोर ४ की चार सीडी पैदा की, अपने इण्ट्रानॅट की मदद से।
उसकी मदद से लिनक्स चढ़ाया, कुल समय एक घण्टा।
उसके बाद, देखा कि देवनागरी दिख नहीं रही है। वैसे तो खुद ब खुद होनी चाहिए थी पर हुई नहीं।
तो फिर उन्नति का लाभ उठाया। इसकी install.sh में फ़िलहाल फ़े़डोरा कोर ४ का अगरचा नहीं था, सो जोड़ना पड़ा।
उसके बाद फ़ायर्फ़ॉक्स १.०.४ को फ़िर से बन्द कर के चलाया तो गार्गी का प्रावधान था।
लिखने के लिए पॅनल पर कीबोर्ड इण्डिकेटर जोड़ा।
३ घण्टे, में सब कुछ निपटा करके नौ दो ग्यारह हो सकते हैं।
शुक्रिया
लिनक्स के जाँबाज़ खिलाड़ी श्रीधर को, तथा
इण्डलिनक्स परियोजना वालों को।
इसमें बोलनागरी कुञ्जीपटल भी है, ऐसा ही कुछ कालीचरण गायतोण्डे जी को चाहिए था, उम्मीद है कि मिल गया होगा।
कितने कूल हैं हम।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
सभी टिप्पणियाँ ९-२-११ की टिप्पणी नीति के अधीन होंगी। टिप्पणियों को अन्यत्र पुनः प्रकाशित करने के पहले मूल लेखकों की अनुमति लेनी आवश्यक है।