10.2.06

मोज़िला, फ़ायर्फ़ाक्स और देवनागरी

हिमांशु का कहना है कि फ़ायर्फ़ाक्स पर उन्हें हिन्दी ठीक से नहीं दिखतीं। मेरी जानकारी में इसके पाँच कारण हो सकते हैं। (1) विण्डोज़ 2000 या विण्डोज़ ऍक्स पी का न होना (2) (1) तो है पर भारतीय भाषाओं का पॅक स्थापित नहीं किया है। (3) फ़ायर्फ़ाक्स पर सही मुद्रलिपि का चुनाव न करना - Tools -> Options -> Content -> Fonts & Colors -> Advanced -> Fonts For -> Devanagari के अन्तर्गत। (4) मोज़िला त्रुटि 202351 की वजह से - justify वाली (5) कभी कभी संयुक्ताक्षर हलन्त समेत दिखते हैं - ऐसा केवल कुछ ख़ास आई ऍम ई का प्रयोग करते समय होता है जो कि ZWJ व ZWNJ बीच में डाल देते हैं जो कि मोज़िला सँभाल नहीं पाता। जो लोग ऐसे आई ऍम ई से बने पन्नों को देखेंगे, उन्हें मोज़िला में हमेशा ही देवनागरी टूटी फूटी दिखेगी। त्रुटि 202352 (1), (2), (3) से तो निपटा जा सकता है, (4) की वजह से लोगों ने justify का इस्तेमाल ही बन्द कर दिया है, हिन्दुस्तानी जो ठहरे, ऍड्जस्ट हो जाते हैं - इस त्रुटि को ठीक करने के बजाय। (5) एक समस्या है क्योंकि इस आई ऍम ई का प्रयोग करके लोग इण्टर्नेट ऍक्स्प्लोरर में देखते हैं कि सब ठीक दिख रहा है, लेकिन मोज़िला मट्टी पलीद कर ही देता है। तो ये, समाधान नहीं था, समस्या का विश्लेषण ही था। विश्लेषण लायक कोई और जानकारी हो तो बताएँ। बहरहाल देवनागरी सम्बन्धी मोज़िला की सारी त्रुटियाँ आपको देवनागरी की बग्ज़िला में खोज करने से मिलेंगी।

9 टिप्‍पणियां:

  1. मॉज़िल्ला में देवनागरी ही नहीं, अंग्रेज़ी समेत कई भाषाओं के साथ ऐसा होता है. इसी लिए इसके लिए दो एडइन या प्लगइन हैं- आईई व्यू और आई ई टैब - जिसके जरिए मॉज़िल्ला के भीतर ही आईई इंजन के जरिए पृष्ठ को लोड कर सही रूप में देखा जाता है!

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  2. बेनामी2:40 am

    भइया,

    अगर मोजिला में यह परेशानी है उन लोग इसे ठीक क्यों नहीं करते ??

    और अगर IE के एंजिन का ही उपयोग करना होता तो कोई कोई मोजिला आदी का क्यों उपयोग करता ???

    मोजिला की टीम की हालत एक कछुए के समान है...एक तो ब्राउजर रिलीज करने में इतना समय लगाया की पूछो मत ... और अब कोड कम लिखते हैं और विज्ञानबाजी ज्यादा करते हैं.

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  3. anonymous जी,
    'इन लोग' में आप भी शामिल हैं। मोज़िला का कोई मालिक नहीं है और जो त्रुटियाँ ठीक नहीं होती हैं तो उन्हें ठीक करने से कोई रोक थोड़ी रहा है। हमेशा परोसी थाली ही चाहिए तो जो बना है वही खाना पड़ेगा।

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  4. बेनामी7:22 pm

    आलोक जी,

    फायरफाक्स में BBC Hindi का स्थल भी कुछ ठीक से नहीं दिखता जबकि IE में बिल्कुल ठीक दिखता है । फायरफाक्स में देखने पर दो कालम की खबरें दायीं अथवा बाईं तरफ से एक दूसरे के अन्दर घुस जाती हैं। ऐसा सिर्फ मेरे ब्राउज़र में होता है या ये कोई त्रुटि है।

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  5. technoraptured जी,
    क्यों न आप भी अपना हिन्दी का चिट्ठा लिखें!

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  6. बेनामी10:53 am

    alok ji,
    aaj pahli baar yahan aaya. samasya thi firefox mein devanagri lipi ka spasht na hona. main macintosh ( osx 10.4.7, tiger) par kaam karta hoon. aap kuchh sujhaav de sakein to kritagya ( kritajna, jo bhi sahi ho) rahoonga. haalanki, is OS mein devanagri fonts hain aur main is jagah devanagri mein likh sakta hoon, par mujhe lagta hai ki OS change hone se aapko woh kootbhasha lagti, atah....
    agar aap hindi ke kuchh acchhe shabdkosh ( online) ki jaankari de sakein to aabhari rahoonga. ek cheez aur, humare desh mein purane lekhakon ki rachnaaon ko lekar copyright policy kya hai? kya main unki rachnayein bina kisi pachde mein pade apni site par daal sakta hoon.
    sadhanyawad
    shubhecchu

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  7. anonymous जी,
    मॅक पर हिन्दी जालस्थल देखने के बारे में आपको http://devanaagarii.net/mac पर जानकारी मिलेगी।
    कृपया सफ़ारी ब्राउज़र का प्रयोग करें। उपरोक्त पन्ने पर एक छवि भी है।

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  8. चित्राला जी,
    मॅक पर कृपया सफ़ारी का प्रयोग करें। मॅक के बारे में मुझे जानकारी काफ़ी कम है, यदि आपको हो तो सहायता पृष्ठ को सुधारने में मदद करें।

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  9. मेरे ख्याल से मोज़िला में भी सारी चीजों को आराम से पढ़ा जा सकता है

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