11.2.07

निरन्तर का नया अङ्क

जाल पत्रिका निरन्तर का नया अङ्क छप गया है। चूँकि दो महीने बाद इसका दूसरा अङ्क यहाँ छप जाएगा, इसलिए दिसम्बर 2006 वाले अङ्क की कड़ी अलग से। दिलचस्प चीज़ यह है कि निरन्तर के जरिए आजकल माइक्रोसॉफ़्ट वाले गूगल को पैसा फेंक रहे हैं, अपने हिन्दी के स्थलों की लोकप्रियता बढ़ाने के लिए। निरन्तर ऍडसेंस

1 टिप्पणी:

  1. आलोक जी आपको यहाँ पर टैग किया गया है। कृपया जवाब अवश्य दें चाहे संझेप में दें।

    आपकी पोस्ट की प्रतीक्षा है।

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