29.4.07

मैं और मेरा सेब

मैं और मेरा सेब - अक्सर यह बाते करते हैं, कि ये होता तो क्या होता, कि वो होता तो क्या होता। यह सेब इतना सुन्दर है कि सारे जालस्थल बदसूरत लगने लगे हैं, सो होते हैं हम नौ दो ग्यारह।

12 टिप्‍पणियां:

  1. आलोक जी,

    एपलवा खरीद लिए का। बधाई। दादा लगता है आप सफारी का प्रयोग कर रहे हैं क्या फॉयरफॉक्स का प्रयोग कीजिए शायद लाभ हो।

    पंकज

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  2. अरे वाह! गुरु, अकेले अकेले!
    बधाई हो भई। जरा खरीद फरोख्त की पूरी जानकारी दी जाए। लो हमारी तरफ़ से मुँह दिखाई रख लो।

    उम्मीद है लम्बी पोस्ट लिखने का मसाला तैयार कर गया होगा।

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  3. एप्पल की मिठास अब ली जाये, बधाई!!

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  4. jegah ke hisaab se aapki sabse lambi post lagti hai, apple Kharidne ki badhai.

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  5. बधाई हो बधाई..
    ये तो सही ही है, की एपल को देखने के बाद विन्डोज़ तो बिलकुल वैसा ही लगता है जैसे ऐम टी वी के बाद दूरदर्शन..

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  6. नए सेब की बधाई, फोटू से तो लग रिया है कि सेब बहुत स्वादिष्ट है। चलिए इसी बहाने आपने दोबारा तो लिखना शुरु किया।

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  7. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  8. आलोक जी, फोन पे तो मुबारकबाद हो गई थी, इसको मुँह दिखाई समझ लें।

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  9. नया सेब मुबारक हो :) | ज़रा और जानकारी भी बताओ | कैसा लग रहा है ? इस मैं हिंदी मैं काम कितने आसानी से कर सकते हैं ?

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  10. हिन्दी विन्डोज क्या वाकयी उपलब्ध है?
    (मैने काअफी प्रयास किया पर नही मिला क्रिपया इसे पाने का कोई जरिया बताएँ )

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  11. हिन्दी विन्डोज क्या वाकयी उपलब्ध है?
    ये खिड़की नहीं है सेब है।

    खिड़की यहाँ मिलेगी

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