सुधर जाओ, सालों
थरमसो के विशव निरमा विक्रेता,निरयात? ऍड्वर्ड्स वालों को अपनी छन्नी सुधारनी होगी। अंग्रेज़ी हिन्दी की खिचड़ी और अव्याकरणोपयुक्त माल। अंग्रेज़ी में नहीं चलता है पर हिन्दी में पेल रहे हैं। लगता है देखने वाला कोई नहीं है।
जय हिन्द। लूमीलाग्रो थर? थरथराहट।
शांत भवो... :)
जवाब देंहटाएंगूगल से इस तरह का रिश्ता !
जवाब देंहटाएंलगता है हिंदी विज्ञापनों के लिये गूगल अभी पूरी तरह तैयार नहीं है। :(
ये तो कुछ जांच परख चल रही है लगता है.
जवाब देंहटाएंसालों तक नहीं सुधरेंगे। क्या कर लेंगे आप? :)
जवाब देंहटाएंपहले व्याकरणोचित नॉन खिचड़ी हिन्दी तो बढ़ायें नेट पर! कई ब्लॉग तो इन विज्ञापन से मिलती जुलती लिखते हैं!
कुछ पूर्ण रूप से हिंदी में बनी वेबसाईट्स पर तो विज्ञापन लगातार आ रहे हैं।
जवाब देंहटाएंजैसे भास्कर, जोश18
ये माज़रा क्या है?
अरे भैया, जब हिन्दी वाले ही शुद्ध हिन्दी नहीं लिखते तो विदेशियों से क्यों अपेक्षा रखते हो यार? लुमीलाग्रो पता नहीं क्या बेचता है, देखता कौन है उसे?
जवाब देंहटाएंबात तो सही है आपकी हम आपके साथ है
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