यह सुनके लगता है कि दो अलग अलग जगहों के नाम लिए जा रहे हों। पर क्या करें पुराने ज़माने का जो हो रहा हूँ। अभी से कुछ दस साल पहले रुड़की गया था - कुछ इम्तिहान देने, और फिर वहाँ से नौ दो ग्यारह हो गया।
अभी पिछली अगस्त मे मै वहाँ गया था, हर साल जाना पड़ता है भई, साली साहिबा जो है वहाँ पर, उनके पति पढाते है आइआइटी रूड़की मे. जिस समय मै वहाँ गया था, तब राष्ट्रपति जी भी वहाँ पधारे थे, दीक्षान्त समारोह के लिये. काफी शान्त और हरा भरा क्षेत्र है. अपने आइआइटी कानपुर मे तो अब शान्ति नही दिखती भई.
सही कहा आपने .. जब इंजीनियरिंग की तैय्यारी करते थे तो IIT , Roorkee दो अलग अलग नामों के लिये कहा जाता था...
जवाब देंहटाएंअभी पिछली अगस्त मे मै वहाँ गया था, हर साल जाना पड़ता है भई,
जवाब देंहटाएंसाली साहिबा जो है वहाँ पर, उनके पति पढाते है आइआइटी रूड़की मे.
जिस समय मै वहाँ गया था, तब राष्ट्रपति जी भी वहाँ पधारे थे, दीक्षान्त समारोह के लिये.
काफी शान्त और हरा भरा क्षेत्र है.
अपने आइआइटी कानपुर मे तो अब शान्ति नही दिखती भई.