18.1.05

सरकारी नौकरियाँ बाङ्गलादेशियों को

फ़र्ज़ कीजिए कि हिन्दुस्तान के किसी अख़बार में कोई ऐसी ख़बर आए तो कैसा हाहाकार मच जाए। वही अमरीकियों ने किया है तो ताज्जुब की क्या बात है?

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