2.1.05
हिन्दुस्तान का तलुआ
जनाब इयुजिन डी बोएर को हिन्दुस्तान अलग लगा, और अच्छा लगा। होता है ऐसा, जब इंसान किसी नई जगह जाता है, और नई चीज़ देखता है। यहाँ फ़िलिपींस में मुझे इस बात से अचरज होता है कि लोग कितनी आसानी से, हमेशा हँसते रहते हैं, और विदेशियों को देख के आपस में खुसर फुसर नहीं शरू करने लगते। इयुजिन जी को शुभकामनाएँ।
1 टिप्पणी:
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Interesting article. A fresh pair of eyes always does wonders.
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