Why can't I see the Hindi section? गताङ्क से आगे हिन्दी जालस्थलों की समीक्षा।
आलोक, क्या बात है... छींटाकसी.. हमें ऐसे ही नए शब्दों की तलाश रहती है... हमेशा.काश आप गनोम केडीई के रीव्यू वर्कशॉप में समय निकालकर दिल्ली पहुँचते तो शायद हिन्दी लिनक्स की बात कुछ और होती...रवि
मुझे भी दुःख है कि रविकान्त जी द्वारा दो बार बुलाने पर भी मैं दोनो में से किसी साल जा न पाया। एक बार शादी का मामला था, दूसरी बार विदेश में था पर अभी भी समय है। उम्मीद है कि अगली बार ज़रूर आ पाऊँगा।
सभी टिप्पणियाँ ९-२-११ की टिप्पणी नीति के अधीन होंगी। टिप्पणियों को अन्यत्र पुनः प्रकाशित करने के पहले मूल लेखकों की अनुमति लेनी आवश्यक है।
आलोक, क्या बात है...
जवाब देंहटाएंछींटाकसी.. हमें ऐसे ही नए शब्दों की तलाश रहती है... हमेशा.
काश आप गनोम केडीई के रीव्यू वर्कशॉप में समय निकालकर दिल्ली पहुँचते तो शायद हिन्दी लिनक्स की बात कुछ और होती...
रवि
मुझे भी दुःख है कि रविकान्त जी द्वारा दो बार बुलाने पर भी मैं दोनो में से किसी साल जा न पाया। एक बार शादी का मामला था, दूसरी बार विदेश में था पर अभी भी समय है। उम्मीद है कि अगली बार ज़रूर आ पाऊँगा।
जवाब देंहटाएं