क्षमा करें, मुझे आपके चिट्ठे पर कहीं भी पोस्ट करने के लिए जगह नजर नहीं आई, इसलिए यह सूचना यहां दे रहा हूं। हिंदी में काम करने के लिए मेरा वर्ड प्रोसेसर माध्यम पिछले दिनों डिजिट और चिप पत्रिकाओं ने वितरित किया है। मैं चाहूंगा कि आपके पाठकगण भी इस फ्रीवेयर का लाभ उठाएं।
माध्यम एक पूर्णतः निःशुल्क देवनागरी वर्ड प्रोसेसर है। इसके माध्यम से आप हिंदी, संस्कृत, मराठी, कोंकणी और नेपाली में आसानी से काम कर सकते हैं। हालांकि इसका मौजूदा संस्करण यूनिकोड को सपोर्ट नहीं करता। बहरहाल, आरटीएफ फारमेटिंग के अलावा इसमें एक सामान्य टेक्स्ट एडीटर की सभी सुविधाएं मौजूद हैं। यहां तक कि इसके माध्यम से हिंदी में ईमेल भी भेजी जा सकती है।
माध्यम यहां उपलब्ध हैः http://www.balendu.com
और यहां भीः http://www.prabhasakshi.com/madhyam/madhyam.zip
मेरा यह साफ्टवेयर पूरी तरह निःस्वार्थ भाव से बनाया गया है और इसका मकसद सिर्फ भारतीय भाषाओं को कम्प्यूटर की दुनिया में प्रमोट करना है। खूब इस्तेमाल कीजिए और भारतीय भाषाओं के फ्लेवर का आनंद लीजिए।
यदि आप इसे अपनी वर्ड प्रोसेसर्स की सूची में शामिल करेंगे और हिंदी प्रेमी इसे काम का समझेंगे तो मुझे खुशी होगी। आपने उत्साह बढ़ाया तो इसका अगला संस्करण यूनिकोड को सपोर्ट कर सकता है।
जनाब बालेन्दु जी, मान गए आपकी मेहनत को। क्या आपका सम्पादन तन्त्र विण्डोज़ 98,95 आदि पर भी चलेगा? ख़ासतौर पर यदि आप इसे यूनिकोडित करने का विचार करते हैं तो। उम्मीद है कि तख्ती से आप परिचित होंगे। और अग़र आप हिन्दी मे नोंक झोंक पसन्द करते हैं तो अक्षरग्राम में भी आपका स्वागत है।
पहले परिवार के बुजुर्ग लोग जुआ खेलने पर डांटते थे,फटकारते थे, और पकड़े जाओ तो जुतियाते भी थे. अब तो परिवार के मुखिया ही जुआ खिलाने का लिंक दिये दे रहे है. सच है भाई, जमाना बदल रहा है.
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जवाब देंहटाएंनिःशुल्क हिंदी वर्ड प्रोसेसरः माध्यम
जवाब देंहटाएंक्षमा करें, मुझे आपके चिट्ठे पर कहीं भी पोस्ट करने के लिए जगह नजर नहीं आई, इसलिए यह सूचना यहां दे रहा हूं। हिंदी में काम करने के लिए मेरा वर्ड प्रोसेसर माध्यम पिछले दिनों डिजिट और चिप पत्रिकाओं ने वितरित किया है। मैं चाहूंगा कि आपके पाठकगण भी इस फ्रीवेयर का लाभ उठाएं।
माध्यम एक पूर्णतः निःशुल्क देवनागरी वर्ड प्रोसेसर है। इसके माध्यम से आप हिंदी, संस्कृत, मराठी, कोंकणी और नेपाली में आसानी से काम कर सकते हैं। हालांकि इसका मौजूदा संस्करण यूनिकोड को सपोर्ट नहीं करता। बहरहाल, आरटीएफ फारमेटिंग के अलावा इसमें एक सामान्य टेक्स्ट एडीटर की सभी सुविधाएं मौजूद हैं। यहां तक कि इसके माध्यम से हिंदी में ईमेल भी भेजी जा सकती है।
माध्यम यहां उपलब्ध हैः http://www.balendu.com
और यहां भीः http://www.prabhasakshi.com/madhyam/madhyam.zip
मेरा यह साफ्टवेयर पूरी तरह निःस्वार्थ भाव से बनाया गया है और इसका मकसद सिर्फ भारतीय भाषाओं को कम्प्यूटर की दुनिया में प्रमोट करना है। खूब इस्तेमाल कीजिए और भारतीय भाषाओं के फ्लेवर का आनंद लीजिए।
यदि आप इसे अपनी वर्ड प्रोसेसर्स की सूची में शामिल करेंगे और हिंदी प्रेमी इसे काम का समझेंगे तो मुझे खुशी होगी। आपने उत्साह बढ़ाया तो इसका अगला संस्करण यूनिकोड को सपोर्ट कर सकता है।
जनाब बालेन्दु जी,
जवाब देंहटाएंमान गए आपकी मेहनत को। क्या आपका सम्पादन तन्त्र विण्डोज़ 98,95 आदि पर भी चलेगा? ख़ासतौर पर यदि आप इसे यूनिकोडित करने का विचार करते हैं तो।
उम्मीद है कि तख्ती से आप परिचित होंगे।
और अग़र आप हिन्दी मे नोंक झोंक पसन्द करते हैं तो अक्षरग्राम में भी आपका स्वागत है।
पहले परिवार के बुजुर्ग लोग जुआ खेलने पर डांटते थे,फटकारते थे, और पकड़े जाओ तो जुतियाते भी थे. अब तो परिवार के मुखिया ही जुआ खिलाने का लिंक दिये दे रहे है.
जवाब देंहटाएंसच है भाई, जमाना बदल रहा है.