पता चला कि इसे सूनामी नहीं, त्सूनामी बोलना चाहिए। ऐसी चीज़ का नाम बिगाड़ने से पहले तो मैं 60,000 बार सोचूँगा। क्योंकि तुक्के की ही बात है कि मैं या मेरी जान पहचान वाला कोई उस समय मरीना पर नहीं था।
आप लिख भले लें त्सूनामी पर बोलेंगे कैसे जब तक आप कोई दक्षिण पूर्वी एशियाई भाषा आपकी पहली भाषा न हो मसलन कोरियन, बहाषा इंडोनेशियन, मलय वगैरह. क्योंकि भारतीय भाषाओं में इन दो वर्णों के जोड़ से कोई शब्द शुरु ही नहीं होता. बीच और अंत में अवश्य प्रयोग कर सकते हैं.
सो तो है। वैसे हममें से ही कितने लोग करना को करना बोलते हैं, आधिकतर लोगों का उच्चारण तो कर्ना ही होता है। लेकिन उसके लिए हम लिखते हुए करना ही लिखते हैं।
आलोक जी,
जवाब देंहटाएंआपकी कुशलता जानकार तसल्ली हुई। राजेश जी कल्पवृक्ष वाले जो सुमात्रा में हैं ने भी आज एक प्रविष्टि की है।
पंकज
आप लिख भले लें त्सूनामी पर बोलेंगे कैसे जब तक आप कोई दक्षिण पूर्वी एशियाई भाषा आपकी पहली भाषा न हो मसलन कोरियन, बहाषा इंडोनेशियन, मलय वगैरह. क्योंकि भारतीय भाषाओं में इन दो वर्णों के जोड़ से कोई शब्द शुरु ही नहीं होता. बीच और अंत में अवश्य प्रयोग कर सकते हैं.
जवाब देंहटाएंसो तो है। वैसे हममें से ही कितने लोग करना को करना बोलते हैं, आधिकतर लोगों का उच्चारण तो कर्ना ही होता है। लेकिन उसके लिए हम लिखते हुए करना ही लिखते हैं।
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