Why can't I see the Hindi section? गताङ्क से आगे हिन्दी जालस्थलों की समीक्षा।
आलोक जी, मेरे संज्ञान में तो दिनों ही होता है। "दिनो" का प्रयोग कभी होता देखा तो नहीं।
जनाब रवि भाई, वाक़ई मज़ा आ गया । ग़ालिब के ख़त का अन्दाज़ भी अपने आप में बे-मिसाल है। बहुत - बहुत शुक्रिया।
यह तो कमाल हो गया। मैंने तो आलोक जी के ब्लॉग पर टिप्पणी की, तत्पश्चात रवि भाई के चिठ्ठे पर - परंतु यहाँ तो "दोनों" ही आलोक जी के खाते मे जुड़ गयीँ । blogspot की ग़लती है - या मेरी ?
मेरे विचार से भी दिनों ही होता है।
दिनों होता है बन्धुवर ।।दिनो तो सिर्फ मोरियो होता है ।।
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आलोक जी, मेरे संज्ञान में तो दिनों ही होता है। "दिनो" का प्रयोग कभी होता देखा तो नहीं।
जवाब देंहटाएंजनाब रवि भाई,
जवाब देंहटाएंवाक़ई मज़ा आ गया । ग़ालिब के ख़त का अन्दाज़ भी अपने आप में बे-मिसाल है। बहुत - बहुत शुक्रिया।
यह तो कमाल हो गया। मैंने तो आलोक जी के ब्लॉग पर टिप्पणी की, तत्पश्चात रवि भाई के चिठ्ठे पर - परंतु यहाँ तो "दोनों" ही आलोक जी के खाते मे जुड़ गयीँ । blogspot की ग़लती है - या मेरी ?
जवाब देंहटाएंमेरे विचार से भी दिनों ही होता है।
जवाब देंहटाएंदिनों होता है बन्धुवर ।।
जवाब देंहटाएंदिनो तो सिर्फ मोरियो होता है ।।