2.8.06

दीवान

इतने दिनो से ये खज़ाना कहाँ छिपा था? तो इन्तज़ार किस बात का है, सदस्य बनिए। दिनो होता है या दिनों? प्रकाश डालने वाले को आभार।

5 टिप्‍पणियां:

  1. बेनामी6:54 am

    आलोक जी, मेरे संज्ञान में तो दिनों ही होता है। "दिनो" का प्रयोग कभी होता देखा तो नहीं।

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  2. बेनामी7:08 am

    जनाब रवि भाई,

    वाक़ई मज़ा आ गया । ग़ालिब के ख़त का अन्दाज़ भी अपने आप में बे-मिसाल है। बहुत - बहुत शुक्रिया।

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  3. बेनामी7:11 am

    यह तो कमाल हो गया। मैंने तो आलोक जी के ब्लॉग पर टिप्पणी की, तत्पश्चात रवि भाई के चिठ्ठे पर - परंतु यहाँ तो "दोनों" ही आलोक जी के खाते मे जुड़ गयीँ । blogspot की ग़लती है - या मेरी ?

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  4. बेनामी10:18 pm

    मेरे विचार से भी दिनों ही होता है।

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  5. दिनों होता है बन्धुवर ।।
    दिनो तो सिर्फ मोरियो होता है ।।

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