6.12.07
खाओ गगन, रहो मगन!
पर यह खाने वाला नहीं है, पढ़ने वाला है। वैसे गगन वनस्पति गायब कहाँ हो गया? [गायब या ग़ायब?]
चन्द्रशेखर आज़ाद का इत्ता बड़ा काव्य संग्रह - बाप रे बाप। और ज़रूर हाइकु बाज़ों को यह विश्व का पहला भी पसंद आएगा।
मगर सबसे बढ़िया चीज़ है बाल साहित्य। आज शाम को पढ़ता हूँ यह गगन।
2 टिप्पणियां:
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बहुत लुभावने लिंक मिले!
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