- 12:26 चौथा पड़ाव #
- 14:05 पूरी, खीरा, ककड़ी, प्याज़, मीठी चटनी, खट्टी चटनी, आलू चना, आलू परवल, आलू बड़ी, चौलाई, कद्दू - रामचन्द्र � #
- 14:07 यमराज जी से मुलाकात। #
- 00:36 वापस ढकोली में #
- 06:38 घोड़े खरीदे #
- 07:01 पानी नहीं #
15.4.08
आज की कारस्तानियाँ
आज के दिन मैं नौ दो ग्यारह होने से पहले यह सब करते हुए धरा गया -
2 टिप्पणियां:
सभी टिप्पणियाँ ९-२-११ की टिप्पणी नीति के अधीन होंगी। टिप्पणियों को अन्यत्र पुनः प्रकाशित करने के पहले मूल लेखकों की अनुमति लेनी आवश्यक है।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
ये क्या है भाई??
जवाब देंहटाएंकविता तो लगती नहीं..:)
ये ट्विटर है। आप भी चहकिए न!
जवाब देंहटाएं