ये जो कारस्तानियाँ आप देख रहे हैं, वह है ट्विटर की बदौलत। ट्विटर यानी चहकना। जिस तरह चिड़ियाँ सुबह से शाम चहकती हैं, उसी तरह आप भी चहक सकते हैं - रात में भी।
शुरू में तो मुझे पकाऊ चीज़ लगती थी, पर अब तो इसका नशा आ गया है। बस अफ़सोस यह है कि हिन्दी में चहकने वाले लोग थोड़े कम हैं। अगर आप भी चहकना शुरू करें तो मज़ा आ जाए।
चिड़ियाँ चहकती रहती हैं, पर आपको समझ नहीं आता कि वह कह क्या रही हैं, लेकिन चहकना सुनना अच्छा लगता है। ऐसा ही है ट्विटर पर चहकना। किसी भी समय सिर्फ़ एक सवाल का जवाब दें - कि इस वक़्त आप क्या कर रहे हैं?
इसमें आप जालस्थल से या अपने मोबाइल से सन्देश भेज सकते हैं - इतना ही नहीं, इसके जरिए आप मुफ़्त के समोसे भी पा सकते हैं - और भेज भी सकते हैं।
चलिए देखते हैं क्या क्या सुविधाएँ हैं यहाँ।
सबसे पहले ट्विटर.कॉम पर जा के खाता खोलना होगा।
वहाँ पर अपना डाक पता देना होगा, उसकी पुष्टि करनी होगी,
और साथ ही अपना मोबाइल नम्बर भी दे सकते हैं(वैकल्पिक, लेकिन मुफ़्त समोसे उसके जरिए ही आएँगे न)।
अब आप अपने ट्विटर पर सन्देश जोड़ते जा सकते हैं, ट्विटर के जालस्थल के जरिए, या फिर मोबाइल से, मोबाइल से सन्देश भेजने पर पैसे लगेंगे।
आप जो सन्देश भेजते हैं वह सबको दिखेंगे - यानी पूरी दुनिया को। इसलिए ध्यान दें, गोपनीय निजी बातें, फ़ोन नम्बर और डाक पते न भेजें। लेकिन आप चाहें तो अपने सन्देश गोपनीय रख सकते हैं, फिर केवल आपके पसन्दीदा लोगों तक ही यह सन्देश जाएँगे।
इसके अलावा, यदि आप किसी खास व्यक्ति तक ही अपनी बात पहुँचाना चाहते हैं तो "Direct Message" का इस्तेमाल करें। इससे उस व्यक्ति तक डाक पहुँचेगी, और यदि मोबाइल का विकल्प चुना हो तो ऍसऍमऍस जाएगा।
इसी प्रकार, यदि आप चाहते हैं कि जब कोई और सन्देश भेजे तो आपके मोबाइल पर सन्देश आए, तो आप "Device Updates" को लागू कर सकते हैं।
खास बात यह है कि छोटे छोटे सन्देश - आप अपनी इच्छानुसार जब चाहें पढ़ सकते हैं। आपको डाक के जरिए परेशान होने की ज़रूरत नहीं है। साथ ही मोबाइल पर भी सन्देश प्राप्त कर सकते हैं।
जहाँ तक मेरा अनुमान है, भारत में समोसे प्राप्त करने के कोई पैसे नहीं लगते। यह गलत भी हो सकता है, आपकी सेवा पर निर्भर है, पर यदि यह सही है तो "Direct Message" के जरिए आप दनादन मुफ़्त का माल खा सकते हैं। एक हफ़्ते में 250 तक सन्देश प्राप्त किए जा सकते हैं। मुफ़्त समोसे न हों तो भी चहकने में मज़ा तो आता ही है।
तो इन्तज़ार किस बात का है आप भी शुरू होइए न। और हम होते हैं नौ दो ग्यारह। सवाल हों तो पूछें!
किस मजबुरी ने इत्ता लम्बा लिखवा दिया? :)
जवाब देंहटाएंअब या तो मैं चहकता हूँ या लम्बा लिखता हूँ :)
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