9.4.08

इस चिट्ठे का ऍचटीऍमऍल अब वैध है

पहले लिखा था कि इस चिट्ठे का ऍचटीऍमऍल अवैध है अब काफ़ी माथापच्ची के बाद यह ठीक हो गया है। हाँ टिप्पणियाँ काम खराब कर देती हैं, मगर नौ दो ग्यारह के मुख पृष्ठ की ऍचटीऍमऍल तो वैध है ही। जाँचने के लिए पन्ने पर नीचे दी कड़ी का इस्तेमाल कर सकते हैं जिस पर लिखा है डब्ल्यू ३ सी ऍक्स ऍच टी ऍम ऍल १.०। ऍचटीऍमऍल को वैध करने के कई फ़ायदे हैं, जैसे कि पन्ने मोबाइल आदि में भी सरलता से दिख सकते हैं – यदि ऍक्स ऍच टी ऍम ऍल हो तो। उसके अलावा अलग अलग ब्राउज़रों में भी एक समान दिखेगा पन्ना। अब हम होते हैं नौ दो ग्यारह। यह लेख मैं डाक से भेज रहा हूँ, देखता हूँ ठीक से पहुँचता है या नहीं।

3 टिप्‍पणियां:

  1. जैसे ही नई प्रविष्टि डाली ३७ त्रुटियाँ पैदा हो गईं। दरअसल आउटलुक ने जो ऍचटीऍमऍल पैदा की वह अवैध थी। अब से डाक से लिखना हुआ तो सादे पाठ में ही भेजना पड़ेगा, लेकिन फिर कड़ीबाजी कैसे होगी? कोई रास्ता होतो बताएँ।

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  2. थंडरबर्ड का प्रयोग करें. वो फालतू के अवैध एचटीएमए पैदा नहीं करता.

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  3. रवि जी धन्यवाद।
    वैसे ऍचटीऍमऍल हाथ से ठीक कर दी है अब। अगला लेख डाक से नहीं भेजा है, अब सादे पाठे के जरिए लेख डाक से भेजने का प्रयास करूँगा।

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