7.11.05
lang विशेषण
आज बात करते हैं ऍचटीऍमऍल के lang विशेषण की। विशेषण यानी ऍट्रिब्यूट।
इसका इस्तेमाल कैसे होता है?
<html lang="hi">
...
</html>
इससे पता चलता है कि पूरा पन्ना हिन्दी में है।
साथ ही,
<p lang="hi">
...
</p>
इससे पता चलता है कि इस अनुच्छेद का मसला हिन्दी में है।
ऐसा क्यों करना चाहिए?
किसी भी ब्राउज़र, खोजक या तन्त्रांश को पता लगाना हो कि सामग्री कौन सी भाषा में है, तो वो क्या करे?
या तो वो कूटबन्धन देख सकता है, लेकिन कूटबन्धन यूटीऍफ़-8 हो तो भाषा कुछ भी हो सकती है।
फिर, उस कूटबन्धन के कौन से अक्षरों का प्रयोग हुआ है, वह देख सकता है, जैसे कि क, ख ग। लेकिन उसमें भी पङ्गा है क्योंकि हिन्दी के अलावा अन्य भाषाएँ भी इन्हीं अक्षरों का प्रयोग करती हैं।
इसलिए मान लीजिए कि आप गूगल पर लेख की खोज करते हैं, तो आपको मराठी के परिणाम भी मिलेंगे, और नेपाली के भी। चक्कर तो ये भी है न कि कितने सारे शब्द सभी भारतीय भाषाओं में एक समान भी हैं। यदि आप गूगल का 'केवल हिन्दी भाषा के स्थल खोजें' वाला विकल्प भी चुनें, तो भी कोई ख़ास फ़र्क नहीं पड़ता - वैसे ये विकल्प फ़िलहाल हिन्दी के लिए गूगल में उपलब्ध नहीं है, पर बाद में तो होगा। अतः इन विशेषणों का प्रयोग अपने पन्नों, अपने चिट्ठों के खाकों, अपने अनुच्छेदों में करें। आप पछताएँगे नहीं।
और जानें।
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